गोवा की राजधानी पणजी में शनिवार से ब्रिक्स समिट शुरू हो गया है. पांच देशों के इस सम्मेलन में तमाम आपसी और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, साथ ही आपसी सहयोग को नई ऊंचाई देने के उपायों पर भी सदस्यों देशों के प्रमुख बात करेंगे. शनिवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई.
NSG पर हुई बातचीत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने विकास स्वरूप ने बताया कि भारत और चीन दोनों ने आतंकवाद को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना है. पीएम मोदी ने कहा कि आज कोई भी देश आतंकवाद के खतरे से बचा नहीं है. वहीं चीनी राष्ट्रपति राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन को आतंकवाद रोधी कदमों को और मजबूत करना होगा. चीन के साथ एनएसजी के मुद्दे पर भी बातचीत हुई. आतंकी मसूद अजहर के मसले पर विकास स्वरूप ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी.
अजहर मसूद पर बनेगी बात?
यूएन की ओर से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए भारत के कदम पर चीन की ओर से तकनीकी रोक लगाने को लेकर भारत अपने इस पड़ोसी देश से नाराज रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या अजहर मुद्दे पर चीन का समर्थन हासिल करने के लिए उसे कोई सबूत मुहैया कराया गया है, इस पर स्वरूप ने कहा, ‘कोई सबूत नहीं.’ उन्होंने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष को अपनी राय बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और उसे उम्मीद है कि वे इसमें तर्क देखेंगे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान वाराणसी भगदड़ की घटना पर शोक जताया. इससे पहले गोवा में ब्रिक्स समिट से पहले भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद 16 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इन समझौतों से रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस के बीच नया आयाम स्थापित होगा.
चाइनीज मीडिया की सिक्योरिटी से झड़प
समिट के दौरान सुरक्षाकर्मियों और चीनी मीडिया के बीच विवाद की भी खबरें सामने आईं. सूत्रों की मानें तो सुरक्षाकर्मियों का चीनी मीडिया के बीच हल्की कहासुनी हुई. ये तकरार उस समय हुई जब मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के दौरान चाइनीज मीडिया ने बैठक हॉल में जाने की कोशिश की, जबकि केवल चयनित मीडिया को ही अंदर जाने की अनुमति दी गई थी.
'ब्रिक्स' दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. ये देश हैं - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका. ब्रिक्स में शामिल पांचों देश G 20 का भी हिस्सा हैं. साल 2010 में साउथ अफ्रीका इसका हिस्सा बना. उससे पहले इसे 'ब्रिक' नाम से ही जाना जाता था. साल 2016 का ब्रिक्स सम्मेलन गोवा में हो रहा है. इस वजह से भी पूरी दुनिया की नजरें इस बार भारत पर टिकी हुई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा से भी मुलाकात की. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार, निवेश बढ़ाने पर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने उरी हमले की आलोचना करने और भारत की NSG में सदस्यता का समर्थन करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को धन्यवाद किया. पीएम ने ब्रिक्स संगठन को मजबूत बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका के प्रयासों की सराहना की.
Last October for #IAFS, this time for @BRICS2016. PM @narendramodi & Prez @SAPresident keep up the tempo of #IndiaSouthAfrica engagement pic.twitter.com/dyBsDdBMUT
— Vikas Swarup (@MEAIndia) October 15, 2016
सम्मेलन का क्या है एजेंडा
ब्रिक्स के गोवा सम्मेलन में मुख्य तौर पर आर्थिक मुद्दों पर सहयोग को बेहतर करना है. ब्रिक्स बैंक के जरिए विकास योजनाओं को ज्यादा मदद देने और ब्रिक्स का अपना क्रेडिट रेटिंग शुरू करने जैसे मुद्दे इस सम्मेलन के एजेंडे में शामिल है.
भारत की क्या है स्थिति
ब्रिक्स के सदस्य देशों में भारत की 2.38 खरब डॉलर वाले अर्थव्यवस्था में वार्षिक तौर पर 7.5 फीसद की बढ़त हो रही है जो पांचों ब्रिक्स देशों में सबसे तेज है. ब्रिक्स देशों में 11.4 खरब के साथ चीन की अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी है. 2015 में दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था का आकलन 327 बिलियन डॉलर हुआ था जो ब्रिक्स देशों में सबसे कम है. सदस्य देशों के इंफ्रास्ट्रक्चर व विकास योजनाओं के लिए 2015 में ब्रिक्स ने अपना बैंक लॉन्च किया. ब्रिक्स बैंक को आधिकारिक तौर पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के नाम से जाना जाता है जो शंघाई में है. भारत के केवी कामथ इसके वर्तमान अध्यक्ष हैं.