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एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर पीएम के साथ आई TRS, किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस मामले को लेकर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव का कहना है कि उनकी पार्टी एक देश एक चुनाव का समर्थन करती है.

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K. Chandrashekar Rao (फाइल फोटो)
K. Chandrashekar Rao (फाइल फोटो)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी ने सर्वेक्षण समिति के गठन का प्रस्ताव रखा. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी कमेटी के गठन की बात कही है. वहीं इस मामले को लेकर तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव का कहना है कि उनकी पार्टी एक देश एक चुनाव का समर्थन करती है.

के टी रामा राव ने कहा कि एक देश-एक चुनाव मोदी का या फिर बीजेपी का एजेंडा नहीं है. टीआरएस नेता के मुताबिक पीएम ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं है, न ही उन्हें 2024 तक इसे लागू करना है. पीएम ने कहा कि मैंने आपके विचार सुने और मैं इसमें कोई नकारात्मकता और आलोचना नहीं देखता हूं. ये आगे बढ़ने के लिए अच्छा कदम है, हमलोग एक कमेटी बना सकते हैं जो इससे सुझावों और जटिलातों का अध्ययन करेगी.

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नवीन पटनायक का समर्थन

इसके अलावा सरकार को एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तरफ से भी समर्थन हासिल हुआ. पटनायक भी पीएम मोदी के जरिए बुलाई गई बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंचे थे. बैठक के बाद उन्होंने कहा, 'मैंने वन नेशन वन इलेक्शन के संकल्प का समर्थन किया. संसद और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए.'

पटनायक ने कहा, 'बीजेडी पूरी तरह से 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का समर्थन करेगा. देश के बड़े हित में एक दृष्टिकोण और रवैया रखना होगा. बीजू जनता दल ने हमेशा देश और उसके लोगों के हित में जो भी किया जा रहा है उसका समर्थन किया है और हम भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे.'

कांग्रेस बंटी

उधर वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है. कांग्रेस अबतक नरेंद्र मोदी सरकार के इस प्रस्ताव का सैंद्धातिक रूप से विरोध कर रही थी, लेकिन उसके नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर डिबेट किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि 1967 तक इस देश में एक साथ चुनाव हो रहे थे. देवड़ा ने कहा कि संसद का पूर्व सदस्य होने के नाते वे कहना चाहेंगे कि लगातार चुनाव गुड गवर्नेंस की दिशा में बाधा है. इसकी वजह से नेता मूल मुद्दों से भटक जाते हैं और उनका फोकस जनता को लुभाने में लगा रहता है.

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वहीं पीएम मोदी की इस बैठक में 14 पार्टियां शामिल नहीं हुईं. एनडीए की सहयोगी शिवसेना भी इस बैठक में नहीं पहुंची. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है, जबकि सीपीएम, समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया है. मीटिंग में नहीं पहुंचने वाली पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, एआईएडीएमके, डीएमके, एसपी, बीएसपी, शिवसेना, आरजेडी, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एआईयूडीएफ और आईयूएमएल शामिल हैं.

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