केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टीवी टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल के सामने आज तक के साप्ताहिक कार्यक्रम सीधी बात में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा, ‘हमने पहली कैबिनेट मीटिंग में विदेशों में जमा काला धन लाने के लिए एसआईटी बनाई. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी तीन साल तक एसआईटी नहीं बना पाए थे. जी-20 में मोदी जी ने काले धन का मुद्दा उठाकर उसे एक अंतरराष्ट्रीय रंग दे दिया. आज पूरी दुनिया इस मुद्दे पर सहयोग देने को तैयार है.
रविशंकर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट और एसआईटी में हम काला धन खाता धारकों के नामों की सूची दे चुके हैं. उनमें से 250 लोगों ने माना भी है कि उनके विदेशी बैंकों में खाते हैं. लेकिन गोपनीयता और ज्यादा सबूतों को इकठ्ठा करने के नजरिये से अभी हम उनके नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते. सिर्फ साढ़े पांच महीने में हमने वो काम किए हैं जो कांग्रेस सरकार 10 साल में नहीं कर पाई.’
काले धन पर कांग्रेस की तरह बर्ताव करने के आरोपों से जुड़े सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस से हमारी तुलना बिल्कुल मत कीजिए. उन्होंने कहा, ‘हम एसआईटी और सुप्रीम कोर्ट में नामों की सूची दे चुके हैं. उन्होंने हमसे और सबूत मांगे हैं. अभी हम और सबूत इकठ्ठा करने में लगे हैं. सबूतों के दम पर हम जल्द ही अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज देंगे.’
आप लोगों ने 627 नामों की सूची बढ़ाई है. लेकिन सच्चाई ये भी है कि उनमें से 289 खाते ऐसे हैं जिनमें कोई पैसा नहीं है? इसके जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा ‘देखिए मैं क्यों ना ये आशंका जताऊं कि ऐसे लोगों को पिछली सरकार ने संकेत दे दिया हो कि अपने खातों से पैसे निकाल लो. मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं बल्कि परिस्थितियों के हवाले से आशंका जता रहा हूं. वैसे अभी एक अंतरराष्ट्रीय समझौता भी बन रहा है, जिसमें तय होगा कि काले धन के खातों को पर्दाफाश करने में सारे मुल्क शामिल हों. मोदी जी के जी-20 में मुद्दा उठाने के बाद ऐसा हुआ. ये हमारी बहुत बड़ी विजय है.’
मोदी को एनआरआई पीएम कहे जाने के सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस हारे हुए लोगों की तरह बातें कर रही है. आपने खुद देखा है कि सिडनी में लोग किस तरह मोदी जी के प्रभाव में रो पड़े. मैं अभी जर्मनी और साउथ कोरिया गया. लोग भारत की ओर उम्मीद की नजर से देख रहे हैं. रोज नए-नए निवेश के लिए लोग विदेशों से आ रहे हैं. आज भारत पूंजी निवेश, आशा, अपेक्षा और विकास की किरण के रूप में देखा जा रहा है.
इस सवाल पर कि माहौल तो बदला है लेकिन लोग कह रहे हैं कि जमीन पर कोई ख़ास बदलाव नजर नहीं आ रहा है? इस सवाल के जवाब में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा ‘हमने जन धन योजना के तहत 27 अगस्त को सवा करोड़ गरीब भारतीयों के खाते खोले. आज वो साढ़े सात करोड़ हो गया है. मोदी जी का निर्देश है कि 26 जनवरी तक खातों की संख्या दस करोड़ तक पहुंचे. हमने लोगों से पैसा जमा करने को नहीं कहा, लेकिन 50-100 रुपये करके लोगों ने 6000 करोड़ रुपये तक जमा कर लिया. आईटी की बात करें तो हमने ई-वीजा की शुरुआत की. mygov के जरिये हमने देश के लोगों को सरकार के कामकाज से जोड़ा. उनकी भागदारी बढ़ाई. जन धन योजना नाम लोगों ने हमें mygov वेबसाइट के जरिये दिया. देश जाग रहा है.’
जम्मू-कश्मीर के अरनिया में आतंकियों के बंकर में घुसकर फौजियों को मारने के सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा – पिछले महीने पाकिस्तान ने हमला किया. हमने पिटाई कि तो खामोश पड़ गए. आतंकियों को हम बजाय बुलेट के बैलट से जवाब दे रहे हैं. घाटी में चुनावों में 71 फ़ीसदी मतदान हुआ. कश्मीर में इस बार बदलाव की लहर है.
धारा 370 पर समझौते के सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा ‘राजनाथ जी ने कहा है कि धारा 370 पर चर्चा होगी. धारा 370 इस चुनाव का मुद्दा नहीं है. फ़िलहाल कश्मीर की ज़रूरत सुशासन और रोज़गार है. पिछली सरकारों ने कश्मीरियों को बहुत छला. कांग्रेस और उमर सब एक हैं. हमने ये भी कहा है कि कश्मीरी पंडितों के लिए तीन सीट रिज़र्व हो. पाकिस्तान से विस्थापित कश्मीरियों के लिए भी सीट रिज़र्व करने की बात चल रही है. कश्मीर सारे धर्मों और जम्मू कश्मीर के हर क्षेत्र को लोगों का है. रही बात इस चुनाव की, कश्मीर में माहौल बदल रहा है. लोगों ने मोदी जी की रैलियों में भारत माता की जय के नारे लगाए. लोग सियासत में बदलाव चाह रहे हैं हमें लगता है कि हमें किसी पार्टी से समझौते की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. चाहे पीडीपी हो या कोई और.’
अगले आने वाले 6 महीनें की प्राथमिकताओं के सवाल पर रविशंकर ने कहा, देश में डिजिटल साक्षरता बढ़ानी है. नेशनल ऑप्टीकल फ़ाइबर नेटवर्क से देश की तमाम ग्राम पंचायतें जुड़ेंगी. छोटे छोटे शहरों तक बीपीओ पहुंचेगा. सपना है कि एक दलित गांव में एक दलित बहन कंप्यूटर ट्रेन्ड हो. लोगों को डिजिटल सर्विस दे. औद्योगिक क्षमता और पूंजी निवेश बढ़ाना है.
पाकिस्तान से रिश्तों पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम पाकिस्तान से बातचीत सिर्फ़ बातचीत के लिए नहीं चाहते. पाकिस्तान को भारत की संवेदनशीलता को समझना होगा. प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री या विदेश सचिव से मिलने से पहले अलगाववादियों से बातचीत भारत को गवारा नहीं. हम पाकिस्तान की खुशहाली और तरक़्क़ी चाहते हैं. लेकिन पाकिस्तान को भी हमसे सीखना होगा कि कैसे हमने अपने यहां के अलगाववादियों को बदल दिया, आज वो भारत के संविधान के तहत चुनाव लड़ रहे हैं. यही नहीं सज्जाद लोन ने मोदी जी की तारीफ़ भी की है. पाकिस्तान पहले अलगाववादियों से मिलेगा फिर बातचीत करेगा इससे बात नहीं बनेगी.