ट्रेन इंजनों की आवाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके बचपन की यादें ताजा कर दी जब वह रेलवे प्लेटफार्म पर चाय बेचा करते थे. उन्होंने यहां डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के गेस्टहाउस की आगंतुक पुस्तिका में यह भावनात्मक बातें लिखीं. मोदी ने अपने अतीत के अनुभवों को आगंतुक पुस्तिका में उतारा. मोदी और बनारसी साड़ी
गेस्ट हाउस में रात में ठहरने के दौरान उन्हें इन बातों का स्मरण हुआ. उन्होंने लिखा, बचपन से, मैं ट्रेनों, रेलवे स्टेशन और कंपार्टमेंट से जुड़ा रहा हूं. मोदी ने लिखा, 'मैं कल से यहां डीएलडब्ल्यू परिसर में रुका हुआ हूं और इसके आसपास का माहौल मुझे मेरे बचपन की यादें दिला रहा है.
उन्होंने लिखा, 'पहली बार, सभी चीजों ...वे कंपार्टमेंट, ट्रेन, यात्री...की यादें तरोताजा हो गई. वे यादें बहुत भावनात्मक हैं.'
प्रधानमंत्री ने लोगों का शुक्रिया अदा किया और उन्हें कर्मयोगी बताया. मोदी ने कहा कि वह अपने बचपन की सारी यादें ताजा करते हुए इस स्थान पर बार-बार आते रहेंगे. उन्होंने प्रार्थना की कि गंगा मां का प्रेम और आशीर्वाद देश के लोगों की सोच को शुद्ध करेगा.
गौरतलब है कि बचपन में मोदी गुजरात में छोटे से वाडनगर स्टेशन पर यात्रियों को चाय बेचने में अपने पिता की मदद किया करते थे.