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मध्य एशिया का दौरान संपन्न कर स्वदेश लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य एशिया के पांच देशों और रूस का अपना आठ दिवसीय दौरा संपन्न कर सोमवार देर रात करीब 1 बजकर 20 मिनट पर स्वदेश लौट आए हैं. इस यात्रा में इन देशों के साथ रिश्तों को मजबूत किया गया और भारत को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनाया गया.

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हवाईअड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत करते अधि‍कारी और नेतागण
हवाईअड्डे पर पीएम मोदी का स्वागत करते अधि‍कारी और नेतागण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य एशिया के पांच देशों और रूस का अपना आठ दिवसीय दौरा संपन्न कर सोमवार देर रात करीब 1 बजकर 20 मिनट पर स्वदेश लौट आए हैं. इस यात्रा में इन देशों के साथ रिश्तों को मजबूत किया गया और भारत को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनाया गया.

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मोदी अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में ताजिकिस्तान पहुंचे थे और यहां के नेतृत्व के साथ वार्ता के बाद सोमवार रात दिल्ली के लिए रवाना हुए. प्रधानमंत्री छह जुलाई को यात्रा पर निकले थे. वह सबसे पहले उज्बेकिस्तान गए थे. यात्रा के दौरान भारत और उज्बेकिस्तान ने परमाणु उर्जा, रक्षा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने का फैसला किया.

उफा में ब्रिक्स और एससीओ सम्मेलन
यात्रा के अगले पड़ाव में मोदी इसके बाद कजाखस्तान गए. दोनों देशों ने सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रक्षा समझौते और यूरेनियम की आपूर्ति के लिए अनुबंध समेत पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद प्रधानमंत्री ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलनों में शामिल होने के लिए अस्ताना से रूस के उफा शहर गए. मोदी ने उफा में विश्व नेताओं के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं. पहले दिन वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग से मिले.

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मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से भी मुलाकात की और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह परियोजना समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.

उफा में तीसरे दिन मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिले . बैठक के साथ दोनों देशों के बीच गतिरोध दूर करते हुए दोनों नेताओं ने ठप पड़ी वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने और मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई को तेज करने का फैसला किया.

समझौतों और वार्ता का दौर
उफा में अपने प्रवास के दौरान मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और ब्रिक्स एवं एससीओ शिखर सम्मेलनों में शामिल हुए. एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत को संगठन का पूर्ण सदस्य बनाया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री अश्गाबात गए, जहां तुर्कमेनिस्तान के नेतृत्व के साथ वार्ता के बाद उन्होंने दस अरब डॉलर की लागत वाली तापी पाइपलाइन परियोजना के जल्द कार्यान्वयन की वकालत की.

मोदी वहां से किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक गए जहां भारत और किर्गिजस्तान ने रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और वाषिर्क संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करने से जुड़े समझौते समेत चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में प्रधानमंत्री ताजिकिस्तान गए.

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