न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की भारत के दौरे पर आए हुए हैं. बुधवार को जॉन की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएन ने कहा कि उनकी जॉन की से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर विस्तृत और लाभदायी चर्चा हुई. व्यापार और निवेश को लेकर भी चर्चा हुई.
पीएम मोदी ने एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति को प्रभावित करने में प्रमुख चुनौतियों में से एक है. दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा और खुफिया सहयोग को मजबूत करने को लेकर बात हुई है.
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत को शामिल करने के न्यूजीलैंड के समर्थन का धन्यवाद किया. वहीं न्यूजीलैंड के पीएम जॉन की ने कहा कि न्यूजीलैंड और भारत पहले से ही एक बहुत मजबूत संबंध साझा करते हैं. चाहे वो व्यापार में हो या क्रिकेट में.
जॉन की ने भी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंताओं पर सहमति जताई और कहा कि हम भी हम भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद सहित सुरक्षा के मुद्दों पर सीमा पर घनिष्ठ समन्वय जारी रखने पर सहमत हैं. जॉन की ने भारत के एनएसजी सदस्यता पर भी सहमति जताई और कहा कि मैंने और मोदी ने भारत के एनएसजी के एक सदस्य बनने के बारे में चर्चा की. मैं भारत के एनएसजी में शामिल होने के महत्व को स्वीकार करता हूं. जॉन ने कहा कि न्यूजीलैंड भारत को एनएसजी का मेंबर बनाने के लिए प्रयास करता रहेगा.
एनएसजी की सदस्यता के भारत के प्रयासों पर कोई प्रतिबद्धता व्यक्त किये बिना न्यूजीलैंड ने आज कहा कि वह 48 देशों के समूह में इस मुद्दे पर जारी वर्तमान प्रक्रिया में ‘‘ रचनात्मक योगदान’’ देना जारी रखेगा और इस पर जल्द निर्णय के लिए काम करेगा. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जान की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत के बाद यह रुख स्पष्ट किया. बातचीत में दोनों देशों ने कारोबार, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच ‘सार्थक’ बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने दोहरा कराधान निषेध संधि और आय पर कर संबंधी राजकोषीय अपवंचन रोकथाम समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये. दोनों पक्षों ने विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता करने के साथ साइबर मुद्दों पर आदान प्रदान करने की व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्णय किया.
जॉन की के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और बहुस्तरीय सहयोग के सभी आयामों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई.
मोदी ने कहा, ‘मैं परमाणु आपूर्ति समूह :एनएसजी: में भारत की सदस्यता पर विचार करने के संबंध में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रचनात्मक रूख के प्रति आभारी हूं.’ 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत के प्रवेश के बारे में समर्थन के संबंध में भारत की यात्रा पर आए जान की ने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा. उन्होंने इस विषय पर कहा, ‘न्यूजीलैंड वर्तमान प्रक्रिया में रचनात्मक योगदान देना जारी रखेगा जो एनएसजी में भारत की सदस्यता पर विचार करने के लिए चल रही है.’
जॉन की ने कहा कि एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास के विषय पर उनकी विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘न्यूजीलैंड एनएसजी के सदस्यों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है ताकि जितनी जल्दी संभव हो, एक फैसले पर पहुंचा जा सके.’ दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि न्यूजीलैंड, भारत के संदर्भ में एनएसजी में शामिल होने के महत्व को समझता है. इसमें कहा गया है कि भारत ने जोर दिया कि इससे पेरिस समझौते के परिप्रेक्ष्य में भारत के स्वच्छ उर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.