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VHP नेता डालमिया ने कहा- अशोक सिंघल को जन्मदिन पर राममंदिर का तोहफा दें PM मोदी

विश्व हिंदू परिषद ने गाहे-बगाहे एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वो प्रमुख हिंदुत्व नेता अशोक सिंघल को उनके 90वें जन्मदिन पर अयोध्या में राम मंदिर का तोहफा दें.

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वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल
वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल

विश्व हिंदू परिषद ने गाहे-बगाहे एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वो प्रमुख हिंदुत्व नेता अशोक सिंघल को उनके 90वें जन्मदिन पर अयोध्या में राम मंदिर का तोहफा दें.

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खास बात यह भी है कि वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष विष्णुहरि डालमिया ने जब यह मांग की, उस समय आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे. सभी नेतागण वीएचपी संरक्षक सिंघल के जीवन पर लिखी एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शि‍रकत कर रहे थे.

गौरतलब है कि अशोक सिंघल ने उस राम जन्मभूमि आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसके बाद हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा 1992 में विवादित ढांचा को तोड़ा गया था. दक्षिणपंथी संगठनों की विवादित स्थल पर राममंदिर के निर्माण की पुरानी मांग रही है.

बीजेपी ने भी राममंदिर निर्माण का समर्थन किया था, लेकिन यह भी दावा किया था कि वह संविधान के दायरे के भीतर सारी संभावनाओं को तलाश करने के बाद ऐसा करेगी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है.

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सभी वक्ताओं ने की अनसुनी
कार्यक्रम के दौरान डालमिया ने आरएसएस और वीएचपी कार्यकर्ताओं के बीच कहा, 'जन्मदिन पर लोगों को तोहफा देने की परंपरा है. मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहूंगा कि उन्हें (सिंघल को) मंदिर दें. राजनाथ जी यहां हैं और वह मोदी जी को इस बारे में अवगत करा देंगे.' हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि डालमिया की इस मांग के बाद मोहन भागवत, राजनाथ सिंह और अशोक सिंघल सहित अन्य सभी वक्ताओं ने इस विवादास्पद मुद्दे का कोई उल्लेख नहीं किया.

राजनाथ सिंह ने कहा, 'यह प्राचीन मान्यता है कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है और एक मानवीय धर्म. अशोक सिंघल इस पर गहरी आस्था रखते हैं. वह एक संस्था बन गए हैं.' भागवत ने कहा कि सिंघल ने देश और हिंदू धर्म के लिए अपना जीवन लगा दिया. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सिंघल की मुद्दों पर अपनी राय थी, लेकिन उन्होंने सदैव संगठनात्मक अनुशासन को प्राथमिकता दी.

इस अवसर पर मौजूद लोगों में केंद्रीय मंत्री हषर्वर्धन, महेश शर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति भी शामिल थे.

-इनपुट भाषा से

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