संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि 2019 का ये आखिरी संसद सत्र है, राज्यसभा का 250वां सत्र है. इस सत्र के दौरान 26 तारीख को हमारा संविधान दिवस है, हमारे संविधान के 70 साल हो रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है.
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है. बीते दिनों सभी दल के नेताओं से मिलने का मौका मिला है, जैसे पिछली बार सभी दलों के सहयोग के कारण चला था, ऐसा ही इस बार भी होने की उम्मीद है.
Prime Minister Narendra Modi: This is the last Parliament session of 2019. It is very important because this the 250th Parliament session of the Rajya Sabha. During this session, on 26th, we will observe the Constitution Day - when our Constitution completes its 70 years. pic.twitter.com/NNtk4jl3sE
— ANI (@ANI) November 18, 2019
हर विषय पर चर्चा को तैयार है सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं, वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने को योगदान दें. सभी सांसदों को शुभकामनाएं देते हुए सभी का धन्यवाद.
बता दें कि इससे पहले सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया था कि वह नियमों के तहत सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
पिछले दिनों सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला। पिछला सत्र अभूतपूर्व सिद्धियों से भरा रहा, यह सिद्धी पूरे सदन की होती है। सभी सांसद इसके हकदार होते हैं। यह सत्र देश के विकास को गति देगा: पीएम @narendramodi pic.twitter.com/SvuM3FzqSK
— BJP (@BJP4India) November 18, 2019
सरकार को घेरने के लिए तैयार है विपक्ष
संसद का यह सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 20 बैठकें होंगी. संसद में 43 बिल पेंडिंग है, 12 बिलों को सदन के समक्ष रखा जाना है जो कि मानसून सत्र वाले बिल ही हैं.
संभावना है कि सरकार इस सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने वाला बिल भी ला सकती है इसके अलावा नागरिक संशोधन विधायक भी इस सत्र में सरकार लाएगी. लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है, फिर चाहे वह अर्थव्यवस्था का मसला हो या फिर किसानों की समस्या.
सरकार की ओर से इस सत्र में तीन दर्जन से अधिक बिलों का पास कराने की कोशिश की जाएगी. जिनमें नागरिकता संशोधन बिल सबसे अहम है, जिसपर पिछले सत्र में काफी विवाद भी हुआ था.