तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर थाईलैंड पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मिलेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी की मुलाकात वियतनाम के पीएम गुयेन जुआन फुक और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन से भी होगी. इसके बाद पीएम मोदी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे.
भारत समेत एशिया के 16 देशों के बीच RCEP के तहत मुक्त व्यापार समझौते को लेकर सहमति पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह निष्पक्ष और पारदर्शी करार में ही शामिल होगा. भारत घरेलू उद्योगों के सुरक्षा की मांग कर रहा है.
दरअसल आरसीईपी का भारत में विपक्ष समेत किसानों का बड़ा दल विरोध कर रहा है. सोनिया गांधी ने रविवार को कहा था कि सरकार 16 आसियान देशों के क्षेत्रीय मुक्त व्यापार (एफटीए) और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर करके एक और झटका देने के लिए तैयार है. यह हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए गंभीर नतीजों और मुसीबत का कारण बनेगा.
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क्या है आरसीईपी?
आरसीईपी एक एफटीए यानी मुक्त व्यापार समझौता है. इस मेगा मुक्त व्यापार समझौते पर आसियान सदस्य देशों (ब्रुनेई, दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) और आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के बीच बातचीत चल रही है.
जिन मुद्दों पर बातचीत चल रही है, उनमें वस्तु एवं सेवा कारोबार, निवेश, अर्थव्यवस्था और तकनीकी सहयोग, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, विवाद समाधान, ई-कॉमर्स और लघु एवं मध्यम उद्यम से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. कई दौर की बातचीत हो चुकी है और इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.