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'प्रधान सेवक' मोदी बोले, 'मेरा क्या... मुझे क्या... की जगह देश हित की सोचो'

देशभर में आजादी की 68वीं सालगिरह का जश्न मनाया जा रहा है. इस जश्न के बीच सुरक्षा चाक-चौबंद है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कड़ा पहरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लालकिले पर तिरंगा फहराया.

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लालकिले से पीएम ने देश को संबोधित किया
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लालकिले से पीएम ने देश को संबोधित किया

देशभर में आजादी की 68वीं सालगिरह का जश्न मनाया जा रहा है. इस जश्न के बीच सुरक्षा चाक-चौबंद है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कड़ा पहरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लालकिले पर तिरंगा फहराया.इस दौरान उन्होंने बिना बुलेट प्रूफ बॉक्स के ही अपना भाषण दिया और बिना लिखा भाषण पढ़ा. ऐसा कर मोदी ने इतिहास रच दिया.

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वीडियोः लाल किले से नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण

लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण पहले से तय वक्त पर शुरू हुआ. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, 'देशवासियों और दुनिया में हर किसी को बधाई. प्रधानसेवक की ओर से अनेक शुभकामनाएं. मैं आपके बीच पीएम के रूप में नहीं, प्रधानसेवक के रूप में उपस्थित हूं. देश में आजादी की जंग काफी सालों तक लड़ी गई. अनेक सपूतों ने जेल में अपनी जिंदगी गुजरा दी. देश की आजादी के लिए मर-मिटने वाले सभी आजादी के सिपाहियों को शत-शत नमन.'

मोदी ने आजादी के पावन पर्व पर भारत के कोटि-कोटि जनों को नमन किया. उन्होंने कहा कि शहीदों का याद करते हुए मां भारती के कल्याण के लिए हमारे देश के गरीब-पीड़ित, दलित, पि‍छड़े लोगों के कल्याण के लिए कुछ कर गुजरने का पर्व है.

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कुछ ऐसा भी हुआ स्वतंत्रता दिवस समारोह में!

मोदी ने कहा, 'राष्ट्रीय पर्व राष्ट्रीय चरित्र को निखारने का अवसर होता है. राष्ट्रीय पर्व से प्रेरणा लेनी चाहिए. आजादी का पर्व भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का पर्व बन सकता है.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश राजनेताओं, शासकों ने नहीं बनाया, सरकारों ने भी नहीं बनाया. देश को किसानों, मजदूरों ने बनाया है. भारत की मां-बहनों, शिक्षकों, समाजसेवकों ने देश बनाया, तब जाकर देश यहां पहुंचा. देश के लिए जीवनभर साधना करने वाले सभी लोग अभिनंदन के लायक हैं.'

प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक अंदाज में कहा, 'यह भारत का सामर्थ्य है कि छोटे शहर के गरीब परिवार के एक बालक को आज लालकिले की प्राचीर से भारत के तिरंगे झंडे के सामने सर झुकाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यह भारत के संविधान के निर्माताओं की मेहनत है.'

मोदी ने कहा, 'देश उस नींव पर खड़ा है, जहां वेदकाल में एक ही मंत्र सुनाया जाता है, हम साथ चलें, मिलकर चलें, मिलकर संकल्प करें और मिलकर देश को आगे बढ़ाएं. इसी सोच के साथ 125 करोड़ देशवासियों ने देश को आगे बढ़ाया.'

पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 खास बातें

पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले दो महीने में मैंने लोगों का जिस तरह का व्यवहार देखा, उसे देखकर मैं चौंक गया. मैंने यहां आने के बाद देखा कि एक सरकार के अंदर भी कई सरकारें चल रही हैं. मुझे यहां बिखराव नजर आया. एक विभाग दूसरे विभाग से टकरा रहा है.' मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा, 'सरकार बनते ही सभी कार्यालयों में काम समय पर शुरू होने लगा. देश को सपने दिखाते हुए कहा, आज वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर देशवासियों के सपने को सच करना होगा. देश में अच्छे शासन के लिए हम प्रयास कर रहे हैं. मैं उस शक्ति को जगाना जाता हूं. मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारा देश आगे बढ़ेगा.'

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पीएम ने महापुरुषों को किया याद
महापुरुषों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, महापुरुषों ने हमें आजादी दिलाई अब वक्त आ गया है कि हम आजादी के बारे में गंभीरता से सोचें. हम जो भी कर रहे हैं, क्या हमने कभी सोचा कि हमारे द्वारा किए किसी काम से देश के किसी भी नागरिक का भला हुआ हो. देश में ऐसा माहौल बना हुआ है कि आज हर कोई अपना ही फायदा सोचता है. हमें 'मेरा क्या और मुझे क्या' इस दायरे से बाहर आना होगा. मोदी ने कहा, हर चीज अपने लिए नहीं होती. कुछ देश के लिए भी कुछ होता है अपने अपने हित से उठकर देश हित के बारे में सोचना चाहिए.

बेटों से भी पूछें कि कहां जाते हैं
मोदी ने देश में लगातार हो रही रेप की घटनाओं के बारे में कहा, 'देश के किसी भी हिस्से में जब रेप की घटनाएं होती हैं तो हमारा माथा कलंकित हो जाता है. समाज में बेटियों को लेकर दोहरे व्यवहार पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा, मैं उन मां-बाप से पूछना चाहता हूं जो बेटी के घर से बाहर जाने पर तो सवाल करते हैं लेकिन बेटों से कभी सवाल नहीं करते हैं कि आप कहां जा रहे हैं कहां नहीं. कानून अपना काम करेगा लेकिन समाज के नाते हमें भी कुछ करना होगा. हम, देश के नागरिक और मां-बाप समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं.'

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सांप्रदायिकता और जातिवाद से किसी का भला नहीं
सांप्रदायिकता और जातिवाद हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'हिंसा के रास्ते पर भटक गए नौजवानों से कहना चाहता हूं कि आज आप जो भी हैं. वो भारत मां और अपने मां-बाप की बदौलत हैं. उन्होंने आपकी जिंदगी में कुछ तो योगदान दिया है. आपके कंधे पर अगर हल होगा तो ज्यादा बेहतर होगा. हिंसा से कोई फायदा नहीं...सम्राट अशोक ने भी हिंसा का रास्ता छोड़कर बुद्ध का रास्ता अपनाया था. बुद्ध की भूमि जब हमें यह संदेश दे सकती है तो क्या हमें पूरी दुनिया को यह संदेश नहीं देना चाहिए. सांप्रदायिकता, हिंसा के बाद देश बंटवारे के बाद पहुंच गया है. लोगों ने एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया. पर पीछे पलट कर देखिए कि हमने क्या पाया. यह संकल्प कीजिए कि 10 साल हम इन चीजों से दूर रहेंगे. मेरे शब्दों पर भरोसा रखिएगा. सद्भावना, शांति का रास्ता अपनाएं.'

सरकारी नौकरी नहीं, सेवा है
 देश को आगे बढ़ाना है. तो सुशासन एक ही रास्ता है. जब कोई प्राइवेट में नौकरी करता है तो कहता है कि मैं प्राइवेट नौकरी करता हूं. लेकिन अगर कोई सरकार के लिए काम करता है तो कहता है कि मैं सर्विस करता हूं. सरकारी नौकरी में लगे लोग नौकरी नहीं, सेवा कर रहे हैं. हमें राष्ट्र चरित्र के रूप में इसे आगे ले जाना है. देश के नागरिकों को ही देश के विकास के लिए आगे काम करना होगा. हमें जनभागी तय करनी है. देश को जोड़ने के लिए हमें काम करना होगा.

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प्रधानमंत्री जन-धन योजना का ऐलान
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'देश का किसान कर्ज लेता है. कर्ज नहीं लौटा पाता, अंत में जाकर खुदकुशी कर लेता है. आजादी के पर्व पर जन-धन योजना के माध्यम से गरीब से गरीब लोगों को बैंक अकाउंट से जोड़ना चाहते हैं. देश के संसाधन देश के लोगों के काम आए. यही बेहतर है. अकाउंट खोलने वाले को 1 लाख रुपये का बीमा सुनिश्चित किया जाएगा. डेबिट कार्ड दिया जाएगा. ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी रहे.'

स्किल डेवलपमेंट पर दिया जाएगा ध्यान
उन्होंने कहा, 'भारत विश्व का सबसे ज्यादा नौजवानों वाला देश है. पर हमने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया. स्किल डेवलपमेंट के जरिए देश के नौजवानों को स्किल सिखाने की कोशिश की जाएगी. स्किल ऐसे सिखाए जाएंगे जो देश के नौजवानों को आगे बढ़ाया. जो जॉब क्रिएट करने के सामर्थ्य नहीं हैं हम उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काबिल बनाने के लिए काम करेंगे.'

कम मेक इन इंडिया
मोदी ने विश्व के बाकी देशों को भारत में आकर काम करने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा, 'देश के नौजवानों को विश्व के हर कोने में मेड इन इंडिया का सपना दिखाया. हम मिलकर काम करेंगे और विश्व के बेहतर निर्माण की तरफ आगे बढ़ेंगे. चाहे कोई सेक्टर हो, आप भारत में आएं. निर्माण करें और अपने प्रोडक्ट को कहीं और भी बेच सकते हैं. जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट के साथ मैन्यूफैक्चरिंग करनी है. इसलिए कम मेक इन इंडिया.'

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किसानों को किया याद
उन्होंने कहा, 'देश की सेवा के लिए भगत सिंह की तरह फांसी पर लटकना अनिवार्य नहीं है. अन्न के भंडार भरकर किसान भी देश की उतनी ही सेवा करता है जितना देश का जवान शहीद होकर देश की सेवा करता है. दुनिया के देशों से हमें आयात करने की क्या जरूरत हैं. आयात की बजाय निर्यात पर जोर देनी की जरूरत है.'

युवाओं ने बदली देश की छवि
देश के नौजवानों ने भारत की पहचान बदल दी है. 25-30 साल पहले भारत को सपेरों को देश कहा जाता था. काला जादू का देश कहा जाता था. हमारी असली पहचान लोगों तक पहुंची है. कम्पयूटर पर ऊंगली फिराते हुए देश के आईटी प्रोफेशन्लस ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया. हिंदुस्तान के नागरिकों के पास मोबाइल तो है.. मोबाइल गवर्नेंस के जरिए हमें तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा.

 स्वच्छ भारत होगा लक्ष्य
उन्होंने कहा, 'सफाई करना मेरे लिए बहुत बड़ा काम है. क्या हमारा देश स्वच्छ नहीं हो सकता? अगर 125 करोड़ लोग यह तय कर लगें कि मैं गंदगी नहीं करूंगा तो गंदगी खत्म हो जाएगी. 2019 में गांधी जी की 150वीं जयंती आ रही है. महात्मा गांधी को सबसे ज्यादा सफाई प्यारी थी. हम यह संकल्प लेते हैं कि 2019 में गंदगी मुक्त भारत होगा. यह काम सरकार नहीं जनभागिता से होगा. बेचारी गांव की मां-बहनें शौचालय का इंतजाम नहीं कर सकते. छोटी बातों का, घोषणाओं का महत्व होता है. आज मैं लालकिले से टॉयलेट की बात कर रहा हूं... लोग क्या कहेंगे. मैं नहीं जानता पर मैं मन से बोल रहा हूं. स्वच्छ भारत का अभियान 2 अक्टूबर से शुरू करेंगे. एक अभियान आज से ही शुरू करेंगे. स्कूल में छात्राओं के लिए शौचालय बनाने पर ध्यान दिया जाएगा . कॉरपोरेट कंपनियों को भी सीएसआर के तहत प्राथमिकता शौचालय बनाने को देना चाहिए.'

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सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान
प्रधानमंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की. सांसदों से आग्रह किया कि 3000 से 5000 की जनसंख्या का कोई भी गांव तय कर लें और ये संकल्प लें कि 2016 तक इस गांव को आदर्श गांव बनाएंगे. 2019 चुनाव में जाने से पहले एक और आदर्श गांव बनाएं. एक मॉडल गांव बनाकर देखें.

लालकिले पर झंडा फहराने से पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कामना की कि हमारे तिरंगे की शान सदा कायम रहे.

पहले से लिखा नहीं है पीएम का भाषण
पीएम नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपना पहला भाषण दिया, जो परंपराओं से हटते हुए पहले से लिखा हुआ नहीं था. एक और दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी के भाषण के दौरान अगर बारिश होती है, तो भी वे छाता नहीं लगवाएंगे.

खत्म होगा योजना आयोग
मोदी ने कहा, देश में ऐसी व्यवस्था का विकास करना मेरा सपना है, जिसके बाद योजना आयोग की जरूरत नहीं रह जाएगी. इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा. मोदी ने कहा, हम बहुत जल्दी देश में योजना आयोग की जगह नई सोच और नए विश्वास के साथ नई संस्था का निर्माण करेंगे.

 

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