प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और महात्वाकांक्षी योजना श्रमेव जयते का गुरुवार से आगाज हो रहा है. सरकार को भरोसा है कि संगठित और असंगठित क्षेत्र के लाखों मजदूरों को दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर शुरू हो रही इस योजना से लाभ मिलेगा. योजना के तहत श्रमिकों को लेबर आइंडिफिकेशन नंबर भी दिया जाना है.
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मोदी ने स्कील इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत तो कर दी लेकिन चिंता तो उन मजदूरों की भी थी जिनपर इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में अहम जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार उन्ही मजदूरों के हित के लिए शुरू करने जा रही है श्रमेव जयते.
श्रम मंत्रालय ने संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की जमीन तैयार कर ली है. मोदी के अलावा श्रम मंत्री नरेन्द्र तोमर के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कलराज मिश्र और सर्वानंद सोनोवाल भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इन तमाम मंत्रियों के मंत्रालय श्रमेव जयते को सफल बनाने के लिए मिलजुल कर योगदान करेगा.
कार्यक्रम की पांच मुख्य बातें...
1. श्रम सुविधा यानि यूनिफाइड लेबर पोर्टल होगा जिसके तहत 6-7 लाख उद्योगों को सेल्फ सर्टिफिकेशन और सिंगल ऑनलाइन रिटर्न भरने की सुविधा होगी. साथ ही एक जिम्मेवार लेबर इंस्पेक्शन की योजना भी होगी.
2. मजदूरों के पीपीएफ के लिए एक UAN यानि यूनिवर्सल एकाउंट नंबर मिलेगा जो कंपनी बदलने के बाद भी नहीं बदलेगा.
3. वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा दी जाएगी जो स्थानीय मांग और जरूरतों के हिसाब से तय होंगी.
4. अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना भी इसका हिस्सा होगी जिसके तहत युवाओं को रोजगार मिलना आसान हो जाएगा.
5. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर भी लागू किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में सभी 35 राज्य और केन्द्रशासित राज्यों के स्वास्थ्य, श्रम मंत्रियों के साथ-साथ 60 से अधिक सचिव स्तर के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. कई PSU के करीब 64 सीइओ और बीमा कंपनियों के 20 से ज्यादा शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे. कार्यक्रम शुरू होने के साथ ही लाखों SMS भेजे जाने की योजना है ताकि इसके बारे में सूचना दी जा सके.