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राजनीति और रिश्तों की उलझी गांठों को सुलझाने आज से नेपाल के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी

काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर तीन अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्लेन उतरेगा तो रिश्तों के आसमान में नई ऊर्जा भरपूर उड़ान भरेगी. ये वो एतिहासिक मौका होगा जो भारत और नेपाल के उन रिश्तों को नई उर्जा से लबरेज कर देगा, जो सदियों से संस्कृति, अध्यात्म, कारोबार और राजनीति में नजदीकियों के साक्षी बनते रहे हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर तीन अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्लेन उतरेगा तो रिश्तों के आसमान में नई ऊर्जा भरपूर उड़ान भरेगी. ये वो एतिहासिक मौका होगा जो भारत और नेपाल के उन रिश्तों को नई उर्जा से लबरेज कर देगा, जो सदियों से संस्कृति, अध्यात्म, कारोबार और राजनीति में नजदीकियों के साक्षी बनते रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र तीन अगस्त को दो दिन के दौरे पर नेपाल की धरती पर कदम रखेंगे.

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करीब 17 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा से उम्मीदों का दायरा दोनों देशों के लिए छोटा पड़ रहा है. मोदी पड़ोसी मुल्कों को अगर इतनी तरजीह दे रहे हैं तो नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला भी प्रोटोकॉल की परवाह किए बगैर उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे. 19 तोपों की सलामी के बीच यहीं से रिश्तों का वो दौर परवान चढ़ेगा, जिसकी तैयारियां लंबे अरसे से की जा रही थीं.
मोदी के शपथ ग्रहण में सार्क देशों के तमाम प्रमुख मौजूद रहे और यहीं से मोदी की विदेश नीति की तस्वीर साफ होने लगी. सबसे पहले विदेश यात्रा में मोदी भूटान गए और अब नेपाल में रिश्तो को सहेंजेंगे और संवारेंगे.

दो दिन के अपने दौरे में मोदी नेपाली संविधान सभा की विशेष सभा को संबोधित करेंगे. नेपाल में कोई विदेशी नेता संविधान सभा को संबोधित नहीं कर सकता और मोदी के संबोधन के लिए सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ रास्ता निकाला है. इसी दिन मोदी की मुलाकात नेपाली प्रधानमंत्री सुशील कोइराला, विपक्ष के नेता प्रचंड समेत कुछ और नेताओं के साथ होगी. करीब डेढ दशक बाद भारतीय प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा में वो तमाम मुद्दे उठेंगे, जिनका ताल्लुक कारोबार, सीमा सहयोग, रक्षा और संस्कति से है.

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3 तारीख को ही मोदी और नेपाली प्रधानमंत्री के बीच शिखर वार्ता हो सकती है. उनके साथ 101 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा. दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय वार्ताएं होंगी और कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे. मोदी की यात्रा से पहले खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज काठमांडू आकर रिश्तों की नई जमीन तैयार कर चुकी है.

यात्रा के पहले दिन मोदी राजनीति और रिश्तों की उलझी गांठों को सुलझाएंगे तो दूसरे दिन यानी 4 अगस्त को पशुपतिनाथ मंदिर में भोले बाबा की पूजा करेंगे. बाबा की नगरी वाराणसी से संसद पहुंचे मोदी के लिए पशुपतिनाथ मंदिर मे पूजा के लिए तैयारियां भरपूर की गई हैं.

काठमांडू के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा
इस बीच, काठमांडू छावनी में बदल गया है. एसपीजी के कमांडो काठमांडू पहुंच गए हैं जबकि नेपाली फौज चप्पे-चप्पे पर तैनात है. नेपाल सरकार ने काठमांडू में दो दिन की छुट्टी का भी ऐलान किया है. आसमान में नेपाली एयरफोर्स के हेलिकॉप्टरों का बेड़ा सबसे बड़े और सबसे कड़े सुरक्षा मिशन पर लगातार उड़ान भर रहे हैं. 3 अगस्त को प्लेन उतरने से लेकर वापसी की उड़ान भरने तक मोदी के इर्द-गिर्द चार लेवल का अभेद सुरक्षा घेरा मौजूद रहेगा. मोदी के सबसे करीब दिल्ली से गई एसपीजी की तगड़ी टीम होगी, करीब 20 कमांडो वाला ये ग्रुप अपने पूरे साजोसामान के साथ पहले ही काठमांडू कूच कर चुका है. सुरक्षा के दूसरे स्तर पर नेपाली आर्मी के जांबाज कमांडो को तैनात किया गया है. सबसे आधुनिक हथियारों से लैस करीब सौ से ज्यादा कमांडो अपनी हिम्मत और हमले को लेकर दुनिया भर में मशहूर हैं. मोदी की सिक्योरिटी का तीसरा घेरा नेपाल की एंटी टेरेरिस्ट पुलिस के हवाले होगा. नेपाल में डी कंपनी समेत दूसरे अंडरवर्ल्ड गुटों की मौजूदगी की खबरों के बीच तीसरे स्तर की ये सुरक्षा काफी अहम हो जाती है. मोदी के सुरक्षा घेरे में चौथी कमान नेपाली पुलिस संभालेगी, जिसके जिम्मे उन इलाकों की चप्पे-चप्पे की तगड़ी निगरानी होगी, जहां जहां से मोदी का काफिला गुजरेगा.

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जीत को घर पहुंचाएंगे नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नेपाल में जीत बहादुर को उसके घरवालों को सौंपेंगे. मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. नेपाल का रहनेवाला जीत बहादुर भटक कर भारत आ गया था और किसी तरह मोदी के पास पहुंच गया था. नेपाल जाने से पहले प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें खुशी है कि वो जीत बहादुर को उसके घरवालों को सौंप सकेंगे.

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