प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने ऐप के जरिए बीजेपी को 1000 रुपये दान दिया और लोगों से पार्टी को चंदा देने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता का सन्देश जाएगा और पार्टी कार्यकर्ताओं का राष्ट्र सेवा करने का संकल्प मजबूत होगा.
पीएम ने ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी ऐप के माध्यम से मैंने बीजेपी को दान दिया. मैं आप सभी से इस ऐप के माध्यम से पार्टी को चंदा देने और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता का संदेश फैलाने की अपील करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘आप नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप के माध्यम से पांच रुपये से लेकर 1000 रुपये तक चंदा दे सकते हैं. आपके सहयोग और योदगान से हमारे कार्यकर्ताओं का राष्ट्र सेवा करने का संकल्प मजबूत होगा.’
Contributed to @BJP4India, via the ‘Narendra Modi Mobile App.’
I urge you all to contribute to the Party through the App and spread the message of transparency in public life. pic.twitter.com/5NwwDzC2BA
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2018Advertisement
प्रधानमंत्री मोदी ने चंदा के लिए अपनी वेबसाइट पर एक लिंक भी पोस्ट किया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज समेत विभिन्न पार्टी नेताओं ने भी इसी तरह पार्टी को चंदा दिया है.
शाह ने दिया योगदान
बीजेपी ने भी से अपनी ऑनलाइन अपील में कहा है, ‘आपका छोटा योगदान ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में बड़ा अंतर ला सकता है. इसलिये नमो एेप के माध्यम से 5 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रूपये और 1000 रुपये का छोटा-छोटा योगदान करें और बीजेपी को मजबूत बनायें.’
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी का एक कार्यकर्ता होने के नाते मैंने अपनी ओर से 1000 रुपए की राशि पार्टी को दी है. मैं बीजेपी के सभी कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों से अपील करता हूँ कि आप भी 'नरेंद्र मोदी एेप' पर जाकर राशि दें और इस अभियान में सहभागी बने.’’
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैंने भी इस एेप पर 1000 रुपए की राशि दी. मेरा सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और हितैषियों से अनुरोध है कि सार्वजनिक जीवन में शुचिता बनाये रखने के लिए इस अभियान में अपना योगदान अवश्य दें.
सुषमा ने कहा कि बीजेपी ने चंदा जमा करने के लिए यह अभियान चलाया है और इसमें 5 रूपये से लेकर 1000 रुपए तक की राशि दी जा सकती है. 1000 रुपए से अधिक की राशि स्वीकार नहीं की जाती.