प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अचानक काबुल से लाहौर जाकर दुनिया को चौंका दिया था. अब पता चला है कि यह दौरा बाकायदा पाकिस्तान सरकार की ओर से सुरक्षा का भरोसा दिए जाने के बाद तय हुआ था. यह पहले ही तय हो गया था कि लाहौर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद मोदी अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के हेलीकॉप्टर में उनके साथ ही जट्टी उमरा जाएंगे.
कैसे बना लाहौर दौरे का कार्यक्रम
इस यात्रा के पीछे का किस्सा कुछ यूं है कि मोदी ने जब शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिए फोन किया तो शरीफ ने कहा- शरीफ ने मोदी को पाकिस्तान आने का न्योता दिया और कहा कि उन्हें भी मेहमाननवाजी का मौका दिया जाए. तब शरीफ अपनी नातिन की शादी के लिए लाहौर में थे. उन्हें लाहौर ही बुला लिया. मोदी ने भी हामी भर दी. लेकिन एसपीजी के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता थी. भारत को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए पाकिस्तान ने तय किया कि शरीफ और मोदी एक ही हेलीकॉप्टर से जट्टी उमरा जाएंगे.
बेहद अहम थी वो दो कॉल
दोनों प्रधानमंत्रियों के दौरे से जुड़े अधिकारियों ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों के बीच अचानक होने वाले इस दौरे को लेकर दो बार फोन पर बात हुई. इन दोनों फोन कॉल्स के बाद सुरक्षा का भरोसा दिया गया और तय हो गया कि लाहौर में थोड़ी देर रुककर दिल्ली के लिए रवाना हुआ जाए. इसके बाद ही मोदी ने ट्वीट कर लाहौर जाने का ऐलान किया.
किसी चुनौती से कम नहीं था लाहौर दौरा
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक पीएम का यूं अचानक लाहौर जाने का इंतजाम करना एसपीजी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. क्योंकि इस्लामाबाद में अचानक यात्रा के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं. वहां इंस्टीट्यूशनलाइज्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल है और वीवीआईपी यात्रा के लिए पूरा सेट अप है. लेकिन लाहौर में इस तरह का कोई सेट अप नहीं है. इस वजह से एसपीजी के लिए पीएम की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता थी. लेकिन जब पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया तो दौरा मुकम्मल हो पाया.
शरीफ ने ही किया था मोदी का स्वागत
लाहौर हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत करने शरीफ खुद आए थे. इसके बाद दोनों देशों के नेता पाकिस्तान एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से जट्टी उमरा के लिए रवाना हुए. दोनों का एक ही हेलीकॉप्टर से जाना सुरक्षा का भरोसा ही था कि प्रधानमंत्री को किसी भी तरह का खतरा नहीं है. मोदी लाहौर एयरपोर्ट से शरीफ के घर रायविंड पैलेस गए थे और यहां उनकी नातिन को आशीर्वाद दिया था. तब मोदी ने शरीफ की मां के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया भी था.
इस दौरे की दुनिया ने की तारीफ
मोदी के इस दौरे की पूरी दुनिया ने तारीफ की थी. पाकिस्तानी मीडिया ने तो इसे मोदी का डिप्लोमेटिक मास्टरस्ट्रोक करार दिया था. बीते एक दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला पाकिस्तान दौरा था. मोदी से पहले 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी ही वहां गए थे. मोदी की मेहमाननवाजी में शरीफ ने उनका मनपसंद साग भी बनवाया था. इसके बाद शरीफ ने अपनी नातिन के दावते वलीमा ने वही पगड़ी पहनी जो मोदी ने उन्हें गिफ्ट की थी. इसे दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया बहाली के शुभ संकेत के रूप में देखा जा रहा है.