पीएम नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जरिये जानना चाहा है कि वो किन सुविधाओं की हकदार हैं. जसोदाबेन ने महेसाणा पुलिस के सामने अर्जी दाखिल कर उन्हें इस समय दी गई सिक्योरिटी की स्थिति साफ करने की मांग की है.
महेसाणा के एसपी जे आर मोठालिया ने कहा कि जसोदाबेन जानना चाहती हैं कि जहां तक सुरक्षा के पहलू की बात है, प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते उनके अधिकार क्या-क्या हैं. मोठालिया ने कहा, ‘सोमवार को वह हमारे दफ्तर आईं और यह जानने के लिए आरटीआई अर्जी दाखिल की कि प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते सुरक्षा के लिहाज से उनके क्या-क्या अधिकार हैं. हम निश्चित समय में उन्हें लिखित जवाब देंगे.’
जसोदाबेन अपने भाई अशोक मोदी के साथ महेसाणा जिले के उंझा कस्बे में रहती हैं. प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण के बाद से महेसाणा पुलिस उन्हें सुरक्षा दे रही है. महेसाणा एसओजी के पुलिस इंस्पेक्टर जे एस चावड़ा ने कहा, ‘हमने उनकी सुरक्षा के लिए सशस्त्र गार्डों के साथ-साथ अपने पुलिसकर्मी तैनात किए हैं. वे दो शिफ्टों में काम करते हैं. एक शिफ्ट में पांच-पांच पुलिसकर्मी होते हैं.’
अपनी अर्जी में जसोदाबेन ने पुलिस विभाग से प्रोटोकोल के मुताबिक खुद को मुहैया कराई गई सुरक्षा से जुड़े कई दस्तावेज मांगे हैं. जसोदाबेन ने सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पारित किए गए असल आदेश की प्रमाणित प्रति भी मांगी है. जसोदाबेन ने यह भी जानना चाहा है कि भारतीय संविधान में किसी प्रधानमंत्री की पत्नी को दी जाने वाली सुरक्षा से जुड़े क्या-क्या प्रावधान और कानून हैं. उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा है कि प्रोटोकोल की परिभाषा क्या है और इसके तहत क्या-क्या चीजें आती हैं और उस प्रोटोकोल के तहत वह किन-किन सुविधाओं की हकदार हैं.
सिक्योरिटी पर नाराजगी
जसोदाबेन ने अपनी मौजूदा सुरक्षा-व्यवस्था पर नाराजगी भी जताई है. उन्होंने कहा है कि उनके सुरक्षा गार्ड कार जैसे सरकारी वाहन में सफर करते हैं जबकि उन्हें प्रधानमंत्री की पत्नी होने के बावजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करना पड़ता है. उन्होंने अर्जी में यह भी कहा है कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके अंगरक्षकों ने ही की थी और उन्हें भी अपने गार्डों से डर लगता है. उन्होंने सरकार से कहा है कि प्रत्येक गार्ड के लिए यह जरूरी कर दिया जाए कि वह अपनी तैनाती का लिखित आदेश पेश करे.