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योजना आयोग के नए अवतार पर बैठक आज, मोदी करेंगे अध्यक्षता

दिल्ली का योजना भवन सालों तक योजना आयोग के कामों का गवाह रहा है और अब एक नई संस्था के जन्म का साक्षी बनने जा रहा है. मंगलवार की सुबह 11 बजे योजना भवन में उच्चस्तरीय बैठक होगी जिसमें योजना आयोग की जगह लेने वाली नई संस्था को लेकर माथापच्ची की जाएगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे बैठक की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे बैठक की अध्यक्षता

दिल्ली का योजना भवन सालों तक योजना आयोग के कामों का गवाह रहा है और अब एक नई संस्था के जन्म का वह साक्षी बनने जा रहा है. मंगलवार की सुबह 11 बजे योजना भवन में उच्चस्तरीय बैठक होगी जिसमें योजना आयोग की जगह लेने वाली नई संस्था को लेकर माथापच्ची की जाएगी.

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योजना भवन में होने वाली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. बैठक में सात नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. इसमें पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान, योजना आयोग के पूर्व सदस्य वाईके अलघ शामिल हैं. बैठक में योजना आयोग के वर्तमान सदस्यों के भी शामिल होने की भी उम्मीद है. माना जा रहा है कि बैठक में नई संस्था के स्वरूप को लेकर चर्चा हो सकती है.

मोदी सरकार के सत्ता संभालते ही ये साफ हो गया था कि योजना आयोग खत्म किया जाएगा और फिर 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने ऐलान भी कर दिया कि योजना आयोग की जगह वित्तीय योजनाओं और सरकार को सलाह देने के लिए एक नई योजना बनाई जाएगी.

प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद मोदी सरकार के माईगॉव वेबसाइट पर सुझाव मंगाए गए. लोगों से पूछा गया कि नई संस्था कैसी हो और उसका स्वरूप कैसा हो. लोगों ने अपने सुझाव दिए. बैठक में उन सुझावों पर भी माथापच्ची किए जाने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि कुछ राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों से पहले ही नई संस्था का ऐलान हो जाएगा.

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नए आयोग का नाम नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म्स कमीशन हो सकता है. राज्यों को विकास योजनाओं के लिए फंड मंजूर करने का काम अब ये नया आयोग नहीं करेगा. ये काम अब वित्त मंत्रालय खुद करेगा. नए आयोग का जोर राज्यों से बेहतर तालमेल बनाने और परियोजनाओं पर उनकी राय को शामिल करने पर भी होगा, ताकि विकास योजनाएं बेधड़क लागू हो सकें. नए आयोग का काम देश को तरक्की के रास्ते पर तेज रफ्तार से आगे बढ़ाने का रोडमैप तैयार करने का होगा.

देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के सरकार के सपने को पूरा करने का खाका भी यही आयोग खींचेगा. पंचवर्षीय योजनाएं अब शायद वैसी ना रहें जैसी योजना आयोग के जमाने में थीं. पंचवर्षीय योजनाओं की जगह विजन डॉक्यूमेंट्स ले सकती हैं.

सूत्रों के मुताबिक नए आयोग में आठ सदस्य होंगे. इनमें चार आर्थिक विशेषज्ञ होंगे और बाकी के चार दूसरे क्षेत्रों के जाने-माने नाम होंगे.

बहरहाल, अभी ये तय नहीं है कि नई संस्था कैसी होगी, नई संस्था का स्वरूप कैसा होगा. लेकिन ये जरूर तय है कि नई संस्था ताकतवर होगी और 1950 से जो काम योजना आयोग करती आई थी उससे थोड़ा हटकर काम करेगी.

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