प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 17 जुलाई को श्रीनगर में इफ्तार पार्टी देने का कोई इरादा नहीं है. सूत्रों ने इसका खंडन करते हुए कहा कि इसका कोई आधार नहीं हैं. ये महज अटकलबाजी है. मीडिया के एक वर्ग में इस बारे में गलत खबरें आई हैं. हालांकि, ऐसा कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री दीपावली के बाद ईद भी कश्मीर में मनाएंगे.
मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका होता, जब प्रधानमंत्री जम्मू जाते. बीजेपी प्रदेश की सरकार का हिस्सा है, ऐसे में सियासी जमीन पर मोदी की यात्रा को राज्य के लिए बड़े मौके की तरह देखा जा रहा था. प्रधानमंत्री की इस कथित यात्रा को लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई थी.
कयास के बीच विरोध शुरू
प्रधानमंत्री के कथित जम्मू दौरे के कयास के बीच कश्मीर में विरोध भी शुरू हो गया है. ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मुहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि वह संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने और जख्मों पर नमक छिड़कने आ रहे हैं. उस दिन हड़ताल होगी.