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2014 से 2019, मोदी के ड्रेस कोड में कितना बदला है संदेश

जब 2014 में एक प्रचंड लहर पर सवार होकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन की सीढ़ियां चढ़ीं थीं तो देश पहली बार एक ग़ैर कांग्रेसी बहुमत सरकार का शपथ ग्रहण होते देख रहा था.

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पीएम नरेंद्र मोदी 2014/ पीएम नरेंद्र मोदी 2019
पीएम नरेंद्र मोदी 2014/ पीएम नरेंद्र मोदी 2019

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जब 2014 में एक प्रचंड लहर पर सवार होकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन की सीढ़ियां चढ़ीं थीं तो देश पहली बार एक ग़ैर कांग्रेसी बहुमत सरकार का शपथ ग्रहण होते देख रहा था. इस शपथ ग्रहण में सत्ता की कुर्सी पर जब मोदी बैठे तो उनके बदन पर एक हल्के पीले रंग का कुर्ता था. दोनों बाजू बटनदार आस्तीनों में छिपे हुए थे. गेंहूए रंग की एक स्वर्णाभ नेहरू जैकेट उन्होंने पहन रखी थी.

बिना फ्रेम का वही चिर-परिचित चश्मा और सफेद बालों वाले सिर के नीचे खुला माथा और गंभीर आंखें. शांत दिख रहे चेहरे में उल्लास से ज़्यादा ज़िम्मेदारी का बोध झलक रहा था. मोदी खुश कम, निर्णायक ज़्यादा नज़र आ रहे थे. आसपास अन्य सांसदों की चुहलबाज़ी और छिटपुट बातचीत से परे, खुद में नियंत्रित और अनुशासित सांसद की तरह मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी.

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ये मोदी दिल्ली के लिए नए थे. दिल्ली उनके लिए नई थी. रायसीना के लुटियंस विस्तार में सत्ता के गलियारे मोदी ने देखे तो थे लेकिन उनके मौसम और परिस्थितियों के साथ बदलते रंग देखना अभी बाकी था. मोदी आए. पांच साल डटे रहे. कई चर्चित, विवादित और कठिन फैसले लिए और फिर देश 2019 के आम चुनावों का साक्षी बना.

30 मई, 2019

इसबार मोदी को और बड़ा जनादेश मिला. यह एक इतिहास बनाने के बाद दूसरे इतिहास को लिखने की तैयारी थी. मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बन गए हैं. ऐसा अनुमान था कि इसबार जीत का जश्न पहले से बड़ा होगा.

ऐसा हुआ भी. स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और भव्य शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित किया गया. मोदी शपथ लेने आएं, सब निगाहें यही रास्ता देख रही थीं.

किसी को लालसा थी कि प्रधानमंत्री पगड़ी कैसी पहनेंगे. किसी का कयास थी कि प्रधानमंत्री किसी विशेष पोशाक में नज़र आएंगे. देश और दुनिया से कितने ही अतिथि कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन नज़रें सिर्फ एक चेहरा खोज रही थीं- जीत के गर्व से भरा राजतिलक के लिए तैयार माथा.

मोदी आए तो लगा जैसे 2014 वापस आ गया है. वही चेहरा, वही भाव, वैसे ही कपड़े, वही सफेद बाल और दाढ़ी वाला मुखड़ा... उसी फ्रेमलेस चश्मे और गंभीर आंखों के साथ. न सिर पर पगड़ी और न कोई विशेष पोशाक, अंगवस्त्रम.

बदला था तो बस मोदी की इसी पोशाक में निहित संदेश. कुर्ता इसबार पीलापन लिए हुए नहीं, सफेद था. नेहरू जैकेट स्वर्णाभ गेंहुए रंग से बदलकर एक हरापन और गंभीरता में रंगी हुई थी. संदेश साफ था. सफेद कुर्ता शांति और स्थिरता का संदेश लिए हुए था. नेहरू जैकेट, जो अब देश में मोदी जैकेट भी कही जाने लगी है, अपने रंग चयन से जय जवान, जय किसान का संदेश दे रही थी. इस जैकेट में आर्मी यूनिफार्म जैसा हरा भी था और समृद्धि का हरा भी.

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मोदी शपथ ग्रहण में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि का संदेश देकर दोबारा प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर अग्रसर हो चुके हैं.

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