कांग्रेस ने आतंकवादी हमले के एक हफ्ते बाद पठानकोट वायु सेना ठिकाने का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की है. पार्टी ने कहा कि पीएम का यह दौरा महज तस्वीर खिंचवाने के अवसर में तब्दील हुआ है.
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से लड़ने के मामले में मोदी सरकार की विफलता दर्शाने वाले पठानकोट आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद प्रधानमंत्री की विलंब से हुई यह यात्रा महज फोटो खिंचवाने के अवसर में तब्दील हुई है. समय की मांग पाकिस्तान द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कराना, आंतरिक सुरक्षा की विस्तार से समीक्षा करने और सुरक्षा चूकों के लिए जिम्मेदारी तय करने की है.'
आठ दिन बाद आया पठानकोट का खयाल
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस यह उम्मीद करती है कि प्रधानमंत्री देश को इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर की जा रही कार्रवाई के बारे में सूचित करेंगे. पार्टी के ट्विटर हैंडल पर एक फोटो ट्वीट कर कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे उत्साह के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाते हैं, लेकिन पठानकोट का खयाल उन्हें आठ दिन बाद आता है.
सरकार के खिलाफ गढ़ा नया नारा
पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने विमान को मोड़ लिया, लेकिन पठानकोट पहुंचने में उन्हें आठ दिन लगे.' मोदी सरकार पर हमला करने के लिए नया नारा गढ़ते हुए कांग्रेस ने कहा, 'आतंक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं है. क्या मोदी सरकार इस तरह से चलेगी. करते नहीं आतंक पे वार, क्या ऐसे ही चलेगी मोदी सरकार.'
PM Modi diverted plane to Pakistan to greet Pak PM Nawaz Sharif on his b'day, but took 8 days to reach Pathankot! pic.twitter.com/P4gfZSbvjU
— INC India (@INCIndia) January 9, 2016
पार्टी पठानकोट हमले के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नारे का हवाला देते हुए मोदी सरकार को निशाना बना रही है. उसमें कहा गया था, 'बहुत हुआ सीमा पर वार, अबकी बार मोदी सरकार.' प्रधानमंत्री ने आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए शनिवार को पठानकोट वायु सेना ठिकाने का दौरा किया.
गौरतलब है कि दो जनवरी को तड़के सुबह छह आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था. चार दिन तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकवादियों को मार गिराया था. इस मुठभेड़ में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए.