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थरूर को अविलंब बर्खास्‍त करें पीएम: भाजपा

भाजपा ने विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को भ्रष्टाचार के आरोप में तुरंत बख्रास्त करने और उनकी मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल की कोच्चिं फ्रेंचाइज़ी में लगभग 75 करोड़ रुपये की ‘मुफ्त की हिस्सेदारी’ दिए जाने की सीबीआई से जांच कराने की मंगलवार को मांग की.

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भाजपा ने विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को भ्रष्टाचार के आरोप में तुरंत बख्रास्त करने और उनकी मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल की कोच्चिं फ्रेंचाइज़ी में लगभग 75 करोड़ रुपये की ‘मुफ्त की हिस्सेदारी’ दिए जाने की सीबीआई से जांच कराने की मंगलवार को मांग की.

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पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी मामले में थरूर ने प्रत्यक्ष या परोक्ष लाभ के लिए पैरवी, संरक्षण और प्रोत्साहन देने में अपने पद का दुरूपयोग किया है, जो भ्रष्टाचार का सीधा मामला बनता है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में अपनी मित्र सुनंदा पुष्कर की आड़ में थरूर ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आपराधिक कृत्य किया है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा 13 के तहत मामला बनता है.

प्रसाद ने कहा कि थरूर किसे तलाक देने जा रहे हैं, किससे विवाह करने जा रहे हैं या पुष्कर से उनके क्या रिश्ते हैं, इनसे पार्टी का कोई मतलब नहीं है. ये मंत्री के निहायत निजी मामले हैं. खबर है कि थरूर अपनी दूसरी पत्नी को तलाक देकर पुष्कर से विवाह करने जा रहे हैं.

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उन्होंने कहा, पार्टी को हालांकि यह जानने में पूरी रुचि है कि कोच्चि फ्रेंचाइज़ी में विदेश राज्य मंत्री ने शुरू से ही इतनी रुचि क्यों दिखाई ? उनकी करीबी मित्र पुष्कर को कोच्चि फ्रेंचाइजी में बिना धन लगाए लगभग 75 करोड़ रुपये की मुफ्त हिस्सेदारी (फ्री इक्विटी) कैसे और क्यों मिली ? प्रसाद ने कहा कि मंत्री की करीबी मित्र पुष्कर न तो केरल की हैं और न ही कोई बड़ी व्यापारी या क्रिकेट प्रेमी. ऐसे में उन्हें कोच्चि फ्रेंचाइज़ी रांदेवू की अगुवाई वाले समूह में 75 करोड़ रुपये की मुफ्त की हिस्सेदारी क्यों दी गई ?

उन्होंने कहा, ‘थरूर दावा कर रहे हैं कि आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी में उन्होंने एक भी पैसा न लिया और न ही दिया. लेकिन हम भी ऐसा कहां कह रहे हैं. हम तो बस यह पूछ रहे हैं कि बिना एक पैसा लिए दिए इस फ्रेंचाइजी में उनकी मित्र पुष्कर को 17 प्रतिशत यानी 75 करोड़ रुपये की मुफ्त हिस्सेदारी कैसे मिल गई.’ उन्होंने कहा, ‘साफ है कि कोच्चि फ्रेंचाइज़ को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पुष्कर की आड़ में शशि थरूर को यह ईनाम दिया गया. इन तथ्यों का तार्किक अर्थ यही निकलता है कि अपनी करीबी मित्र पुष्कर की आड़ में थरूर स्वयं सक्रिय हैं.’

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ट्विटिंग के कारण विवादों में घिरे रहने वाले विदेश राज्यमंत्री पर टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘निरंतर विवादों में फंसे रहने वाले थरूर अब भ्रष्टाचार की दलदल में भी धंसते नज़र आ रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री को उन्हें अविलंब बर्खास्‍त करके पूरे मामले की सीबीआई से जांच के आदेश देने चाहिए.’

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