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NIC की बैठक में बोले PM- मुजफ्फरनगर हिंसा में जिम्मेदार लोगों को जल्द हो सजा

मुजफ्फरनगर दंगे के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की बैठक हुई. इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिवाय बीजेपी शासित राज्य का कोई मुख्यमंत्री नहीं आया. यहां पीएम मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा कि दंगे की घटनाएं एक ऐसी सांप्रदायिक दरार को जाहिर करती हैं जो हमारे देश के कौमी एकता के खिलाफ है और इसकी हम सब को गहरी चिंता होनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो.

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पीएम मनमोहन सिंह
पीएम मनमोहन सिंह

मुजफ्फरनगर दंगे के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की बैठक हुई. इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिवाय बीजेपी शासित राज्य का कोई मुख्यमंत्री नहीं आया. यहां पीएम मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा कि दंगे की घटनाएं एक ऐसी सांप्रदायिक दरार को जाहिर करती हैं जो हमारे देश के कौमी एकता के खिलाफ है और इसकी हम सब को गहरी चिंता होनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो.

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एनआइसी की यह बैठक उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर और उसके पड़ोसी जिलों में हुए सांप्रदायिक दंगों के तुरंत बाद हो रही है अत: इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है. मनमोहन सिंह ने इस मौके पर कहा कि ऐसा लगता है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें संप्रदायों के बीच मतभेदों को गहरा करने और उनका फायदा उठाने में समय-समय पर कामयाब हो रही हैं.

पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि सांप्रदायिक दुश्मनी से देश में किसी को फायदा नहीं होने वाला है. उन्होंने सभी दलों से अपील की कि देश में सांप्रदायिक एकता को बरकरार रखने में मदद करें. साथ ही कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह न सिर्फ तेजी से छोटी घटनाओं को बड़ा रूप लेने से रोके, बल्कि सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द सजा भी दिलवाए. लेकिन साथ ही पीएम ने इस बात की हिदायत भी दी कि सरकार की कार्रवाई कानून के मुताबिक होती दिखाई पड़नी चाहिए ताकि सभी धर्मों के नागरिकों को बराबरी का भरोसा बना रहे.

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इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'यह शर्म की बात है कि महिलाओं के साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा है. उम्मीद है कि इस सम्मेलन में महिलाओं के प्रति हिंसा की रोकथाम के लिए अच्छे सुझाव आएंगे.' उन्होंने कहा, "देश का तभी विकास होगा, जब महिलाएं आजादी से बाहर आ-जा सकेंगी, आजादी से फैसले ले सकेंगी. हमें महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है.'

 

अपने भाषण में पीएम ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमज़ोर तबकों के विरूद्ध हो रहे अत्याचार भी चिंता जताई है. सोशल मीडिया पर पीएम ने कहा कि यह एक नया माध्यम है. इसका इस्तेमाल सकारात्मक तरीके से किया जाना चाहिए ताकि सांप्रदायिक एकता बनी रहे. हमें इसका दुरुपयोग रोकना होगा.

गौरतलब है कि एनआईसी की मीटिंग के दौरान नीतीश कुमार बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिले. एनडीए से हटने के बाद आडवाणी से नीतीश कुमार की ये पहली मुलाकात है.

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