पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का मुख्य आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी से जुड़ी कंपनियों से संबंधित 1210 करोड़ रुपये की कुल 41 संपत्तियां मनी लॉंड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत आती हैं, लिहाजा प्रवर्तन निदेशालय को इनकी कुर्की जारी रखनी चाहिए. ये कहना है पीएमएलए अथॉरिटी का.
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुंबई शाखा में दो अरब डॉलर की कथित धोखाधड़ी में केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में अस्थायी तौर पर मुंबई में 15 फ्लैट और 17 कार्यालय परिसर, कोलकाता में एक मॉल, अलीबाग में चार एकड़ का फार्म हाउस और महाराष्ट्र के नासिक, नागपुर और पनवेल तथा तमिलनाडु के विल्लुपुरम में 231 एकड़ भूमि कुर्क की थी.
पीएमएलए के न्यायिक प्राधिकरण के सदस्य (विधि) तुषार वी शाह की ओर से हाल में जारी आदेश में कहा गया है कि ईडी की मूल शिकायत में जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, उसके हिसाब से उनका मानना है कि इस मामले में जो संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की गई हैं वे धन शोधन या मनी लॉंड्रिंग से जुड़ी हैं.
प्राधिकरण ने इन संपत्तियों की कुर्की की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच की अवधि में, जो 90 दिन से अधिक नहीं हो सकती, या पीएमएलए के तहत किसी अदालत में प्रक्रिया लंबित रहने तक यह कुर्की जारी रहेगी. विशेष अदालत द्वारा संपत्ति कुर्की का आदेश जारी करने के बाद यह आदेश अंतिम हो जाएगा.
वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी अब इन संपत्तियों को जब्त कर इन स्थानों पर अपने कब्जे का बोर्ड लगाएगा. ईडी ने मनी लॉंड्रिंग रोधक कानून के तहत चोकसी, उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स और उसकी सहयोगी कंपनियों के खिलाफ आपराधिक जांच के मामले में इन संपत्तियों की अस्थायी कुर्की का आदेश जारी किया था। कुर्क संपत्तियों में हैदराबाद के रंगा रेड्डी जिले में स्थित 170 एकड़ का पार्क, महाराष्ट्र की राजधानी के बोरिवली (पूर्व) में चार फ्लैट तथा सांताक्रूज (पूर्व) में नौ अन्य फ्लैट शामिल हैं.
ईडी ने बताया कि चोकसी के नियंत्रण वाली इन 41 कुर्क संपत्तियों कीमत 1,210 करोड़ रुपये है.