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मवेशी बिक्री पर सर्कुलर की भाषा से संतुष्ट नहीं सरकार, PMO में हुई चर्चा

सरकार मवेशी की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी नोटिफिकेशन के कुछ प्रावधानों की भाषा से संतुष्ट नहीं है. सरकार को लगता है कि नोटिफिकेशन की मौजूदा भाषा और स्वरूप से उसको जमीनी स्तर पर लागू करने में कठिनाई होगी.

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मवेशी बिक्री पर PMO में चर्चा
मवेशी बिक्री पर PMO में चर्चा

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मवेशियों की खरीद-फरोख्त को लेकर केंद्र सरकार के नोटिफिकेश पर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इस पर चर्चा की. गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पीएमओ जाकर अधिकारियों के साथ मीटिंग की और सर्कुलर पर चर्चा की गई.

डॉक्टर हर्षवर्धन गुरुवार सुबह ही जर्मनी से लौटे हैं. पीएमओ ने पहले ही हर्षवर्धन के दफ्तर में मीटिंग के लिए मैसेज दिया था. माना जा रहा है कि हर्षवर्धन से सर्कुलर को लेकर उठे विवाद पर बातचीत की गई है. पीएमओ में हर्षवर्धन की मीटिंग करीब 3 घंटे चली.

सर्कुलर की भाषा पर चर्चा
सूत्रों की माने तो सरकार नोटिफिकेशन के कुछ प्रावधानों की भाषा से संतुष्ट नहीं है. सरकार को लगता है कि नोटिफिकेशन की मौजूदा भाषा और स्वरूप से उसको जमीनी स्तर पर लागू करने में कठिनाई होगी. साथ ही भैंसे को नोटिफिकेशन के दायरे से बाहर करने पर भी चर्चा की गई.

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सर्कुलर पर विवाद
केंद्र सरकार के सर्कुलर पर विवाद गरमा गया है. मद्रास, केरल और पश्चिम बंगाल में सर्कुलर को लेकर विवाद पनप गया है. मद्रास हाई कोर्ट ने बाकायदा केंद्र सरकार के सर्कुलर पर रोक लगा दी है. वहीं ममता बनर्जी ने भी इसका विरोध करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि किसी का खाना कोई दूसरा तय नहीं कर सकता.

ये है मामला
दरअसल, पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई कर दिया है. इस नोटिफिकेशन का मकसद मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद- बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के खिलाफ क्रूरता रोकना है. इस नोटिफ़िकेशन के बाद नियमों के मुताबिक मवेशी को बाजार में खरीदने या बेचने लाने वाले को ये सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी को बाजार में कत्ल के मकसद से खरीदने या बेचने के लिए नहीं लाया गया है.

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