लगता है कि दिल्ली में अफसरों और उनके कर्मचारियों के 'मौज-मस्ती' करने के दिन अब जल्द ही लदने वाले हैं. मोदी सरकार अब दिल्ली के दफ्तरों में ड्यूटी के वक्त कुर्सी छोड़कर 'गायब' रहने वाले बाबुओं पर सख्त हो गई है. सरकारी दफ्तरों में हाजिरी के लिए 'बॉयोमीट्रिक' सिस्टम लागू करने की डेडलाइन 25 अक्टूबर तय कर दी गई है.
केंद्र सरकार दफ्तरों में कामकाज व हाजिरी बनाने के पुराने तौर-तरीके पूरी तरह बदलना चाहती है. PMO ने अफसरों को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि दफ्तरों में 'बॉयोमीट्रिक' तरीके से ही हाजिरी बनवाने के इंतजाम किए जाएं, जिससे यह ठीक-ठीक पता चल सके कि कौन कितने बजे दफ्तर आया और उसने कितना वक्त दफ्तर के भीतर गुजारा. इस सिस्टम के जरिए कर्मचारी अपने मशीन पर उंगली की छाप देकर या कार्ड पंच करके अटेंडेंस बनाते हैं.
बहरहाल, दिल्ली में काम करने वाले आधे से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को नई व्यवस्था के तहत लाया जाना अभी बाकी है. केंद्र ने सभी सरकारी सेवकों के लिए 'बॉयोमीट्रिक' सिस्टम लागू करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर तय की है. इसे लेकर सरकारी दफ्तरों में हलचल तेज हो चुकी है.
PMO ने इस महीने की शुरुआत में जब बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का रिव्यू किया, तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. पहले से रजिस्टर्ड 49,505 अफसरों व कर्मचारियों में से केवल 24,107 ने ही 'बॉयोमीट्रिक' सिस्टम के जरिए हाजिरी बनाई. बाकियों ने पुराने तरीके से ही उपस्थिति दर्ज करवाई.