प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा पर होने वाले खर्च का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे कर्मियों और वाहनों के संबंध में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई थी. लखनऊ की आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने मोदी की सुरक्षा में लगे कार्मिकों और वाहनों की संख्या आरटीआई के तहत मांगी थी. साथ ही उन्होंने इन कार्मिकों, वाहनों के ईंधन और रखरखाव पर आने वाले खर्च का ब्यौरा भी मांगा था.
पीएमओ के अवर सचिव (आरटीआई) प्रवीण कुमार ने पूरी सूचना देने से इंकार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा और सरकारी वाहन के मामले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) से संबंधित हैं, जो आरटीआई एक्ट की धारा 24 में आरटीआई से बाहर हैं.
नूतन ने इसी तरह की सूचना राष्ट्रपति सचिवालय से भी मांगी थी. डीसीपी, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली ने जीवन तथा शारीरिक सुरक्षा को खतरा होने के आधार पर राष्ट्रपति के साथ लगे सुरक्षाकर्मियों की कुल संख्या और उन सुरक्षाकर्मियों के मूवमेंट के लिए लगाई गई गाड़ियों की संख्या देने से मना कर दिया था.
राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से बताया गया था कि पिछले चार साल में राष्ट्रपति के साथ लगे सुरक्षाकर्मियों की सैलरी पर 155.4 करोड़ रुपये और सुरक्षाकर्मियों के मूवमेंट के लिए लगी गाड़ियों के रखरखाव में 64.9 लाख रुपये का व्यय आया है. साथ ही यह भी बताया गया था कि गाड़ियों के लिए ईंधन सरकारी पेट्रोल पंप से प्राप्त होता है.