उत्तरप्रदेश की निलंबित आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की नींद टूटी है. कार्मिक विभाग ने यूपी सरकार से दुर्गा शक्ति के निलंबन के बारे में रिपोर्ट मांगी है.
सोनिया ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी चिट्टी में कहा था, 'हमें ये देखना होगा कि जो अफसर सही तरीके से काम कर रहे हैं उन्हें सुरक्षा मिल रही है या नहीं. हमें ये भी देखना होगा कि कहीं एक ईमानदार अधिकारी को परेशान न किया जा रहा हो.'
समाजवादी पार्टी का जोरदार पलटवार
सोनिया गांधी की चिट्ठी पर समाजवादी पार्टी ने जोरदार पलटवार किया है. पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सोनिया को ऐसी ही एक चिट्ठी IAS अफसर अशोक खेमका के बारे में लिखनी चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मायावती जब आईएएस-आईपीएस अफसरों से जूते साफ कराती थीं, तब किसी को चिंता क्यों नहीं हुई.
यूपी के आला मंत्री आजम खान ने कहा है कि सोनिया गांधी को दुर्गा मामले पर प्रधानमंत्री को खत नहीं लिखना चाहिए था. आजम ने कहा कि सोनिया के इस कदम से यूपी के अफसरों में अराजकता के लिए हौसला बढ़ेगा. उन्होंने दुर्गा शक्ति के निलंबन के फैसले की वापसी से भी इनकार किया और गौतम बुद्ध नगर के डीएम पर कार्रवाई की बात दोहराई.
दुर्गा पर BJP ने सोनिया को घेरा
उधर बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल के निलंबन पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पत्र का इंतजार किये बगैर कार्रवाई करनी चाहिए थी.
बीजेपी ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में नूराकुश्ती का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस केंद्र की सरकार चलाने के लिए समाजवादी पार्टी से समर्थन ले रही है. ऐसे में वो समाजवादी पार्टी के खिलाफ कुछ कर ही नहीं सकती. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ईमानदार अफसर को बचाने के लिए वाकई कुछ करना चाहती है तो देरी क्यों कर रही है?