प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए डीओपीटी मंत्रालय तेजी लाने की कोशिश में है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जब से केंद्र में आई है सरकार में लोगों की जन भागीदारी बढ़ाने को लेकर लगातार काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेग में भारतीय मूल के सूरीनाम में रह रहे लोगों को संबोधित करते हुए भारत में नई सरकार के उद्देश्य के बारे में बात की जिसमें उन्होंने कहा कि यह सरकार "जनभागीदारी" से चलती है. इसी बात को देखते हुए डीओपीटी मंत्रालय ने अब ऑनलाइन ट्रेनिंग व्यवस्था शुरू की है. इसके माध्यम से पहले अधिकारियों को ट्रेंड किया जाएगा. ताकि वे इसके जरिए जनता तक सरकार का सही मैसेज और गुड गवर्नेंस की बात पहुंचा सकें. जनता की बात को सही तरीके से सुन सकें. आज दिल्ली में पीएमओ में राज्यमंत्री डॉक्टर जीतेंद्र सिंह ने इस ट्रेनिंग वेबसाइट को लॉन्च भी किया है. इसके जरिए अधिकारियों के बारे में बताया गया है कि वह कमिट से कमिटेड कैसे होंगे.
ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारियों की लोगों के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए मोदी सरकार ने यह एक बड़ी पहल की है. इस पहल के मुताबिक अब अधिकारियों को कमिट से कमिटेड बनाया जाएगा. सरकार ने देश के लिए कंप्रीहेंशन "ऑनलाइन मॉडिफाइड मॉडल्स फॉर इंडक्शन ट्रेनिंग "नाम की ऑनलाइन व्यवस्था को शुरू किया है. इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट छह राज्यों में शुरू किया गया है. इसके तहत करीब 75,000 अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. जिन्हें पिछले 5 सालों में किसी भी तरीके की ट्रेनिंग नहीं दी गई है. इस योजना की शुरुआत सबसे पहले उस समय हुई जब प्रधानमंत्री ने इस साल जनवरी में इस पोर्टल की जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद 29 जून यानी आज इस पोर्टल को लॉन्च करने का फैसला लिया गया. अब इस को अमलीजामा पहना कर जन भागीदारी बढ़ाने का प्रयास वह अधिकारी करेंगे. इस पोर्टल के जरिए पहले अधिकारियों को ट्रेन किया जाएगा. गुड गवर्नेंस और जनता के बीच जुड़ने की वर्तमान ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब अधिकारी जनता की फरियाद को सुनें तो उनका व्यवहार सकारात्मक हो. साथ ही उन कामों को अमलीजामा पहनाने का पूरी व्यवस्था भी सरकार के अधिकारी करें.