प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पीएमओ को मोबाइल के जरिए जनता के साथ जोड़ा जाएगा. इसके लिए एक मोबाइल एप विकसित करने के लिए विचार आमंत्रित किए जाएंगे.
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रमुख संगठन 'नासकॉम' के एक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि 146 अरब डॉलर के भारतीय आईटी उद्योग ने भारत की तरफ देखने के दुनिया के नजरिये को बदल दिया है. अब जरूरत है कि आईटी क्षेत्र सुरक्षा, एप और क्लाउड जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान दे.
उन्होंने कहा, 'जितनी तेजी से आप सभी (उद्योग) मोबाइल एप बनाएंगे, उतनी ही तेजी से आप बाजार पर कब्जा करेंगे. हमें मोबाइल के जरिए संचालन क्षेत्र में क्रांति लाने की जरूरत है. हम पीएमओ मोबाइल एप के लिए mygov.in के जरिए विचार मांगेंगे.' प्रधानमंत्री ने स्वच्छ गंगा या कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता से अपने विचार रखने के लिए mygov वेबसाइट शुरू की है.
सरकार इसमें बेहतर विचार के चयन के लिए अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिग्गज Google के साथ काम करेगी और फिर उस टीम को अमेरिका भेजा जाएगा. मोदी ने कहा, 'दूसरा हिस्सा पूरे सॉफ्टवेयर का विकास करना होगा. मैं चाहूंगा कि मेरे विभाग को टेक्नोलॉजी की मदद मिले.'
मोदी ने कहा, जीडीपी बढ़ाने में कनेक्टिविटी का बड़ा योगदान होगा. उन्होंने आईटी उद्योग से पूछा कि भारत से अबतक कोई ‘गूगल’ क्यों नहीं? उनका कहने का तात्पर्य था कि भारतीय आईटी प्रोफेशनलों में अब गूगल जैसा कुछ बड़ा अचीवमेंट क्यों नहीं हासिल किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में साइबर सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता है, आईटी पेशेवर इसका समाधान विकसित करे.
मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष सब्सिडी अंतरण (डीबीटीएल) से एलपीजी में 10 फीसदी गड़बड़ी रुकी है, हजारों करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है. कैग ने कहा था कि कोयला ब्लॉक आवंटन से 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान और अब 19 ब्लॉकों की नीलामी से 1.10 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.