पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में करोड़ों लेकर फरार आरोपी गीताजंलि जेम्स के प्रमुख मेहुल चोकसी ने सीबीआई को पत्र लिखकर जांच के लिए पेश होने और भारत आने से इंकार किया है. अपने पत्र में मेहुल ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि वह अभी अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्या की वजह से यात्रा कर पाने की स्थिति में नहीं है.
बता दें कि मेहुल चोकसी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के सहयोगी और रिलेटिव हैं, जिनके ऊपर करीब साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप हैं.
'भारत आना खतरे से खाली नहीं'
मेहुल ने आगे लिखा है कि अगर मैं गिरफ्तार होता हूं तो मेरे लिए अपने स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल कर पाना संभव नहीं होगा. साथ ही बीमारी की हालत में मेरा इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही हो पाएगा. मैं पहले ही बता दूं कि प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करा पाना मेरे लिए संभव नहीं होगा. हालांकि भारत के संविधान में हर व्यक्ति को पूरी तरह मेडिकल ट्रीटमेंट पाने का अधिकार है. वास्तविकता ये है कि किसी आरोपी को, जो कैद में है... अपनी पसंद के डॉक्टर से इलाज भी नहीं कराने दिया जाता है.
मेहुल ने सीबीआई से कहा कि 'मैं जांच के लिए पूछताछ की खातिर पेश होने में सक्षम नहीं हूं. साथ ही सेक्शन 10 के 3सी के तहत क्षेत्रीय कार्यालय ने मेरा पासपोर्ट निलंबित कर दिया है. ऐसी स्थिति में मेरे लिए वापस इंडिया आना संभव नहीं है. इसके आगे मैं यह भी कहना चाहता हूं कि मुंबई के क्षेत्रीय कार्यालय ने मुझे यह भी नहीं बताया है कि मेरा पासपोर्ट क्यों निलंबित किया है और मैं भारत की सुरक्षा के लिए खतरा कैसे हूं. यह दिखाता है कि पासपोर्ट का निलंबन मेरे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.'
'खराब स्वास्थ्य के चलते यात्रा करना संभव नहीं'
मेहुल का कहना है कि खराब स्वास्थ्य के चलते उनके लिए यात्रा कर पाना संभव नहीं है. उन्हें दिल की बीमारी है और फरवरी 2018 के पहले हफ्ते में इसका इलाज हुआ है. और अभी बहुत सारा इलाज बाकी है. चोकसी ने आगे लिखा है कि किडनी को खतरे के चलते अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. लिहाजा डॉक्टरों ने अगले 6 महीनों तक किसी भी तरह की यात्रा करने से मना किया है.
'अपने लाभ के लिए राजनीति कर रही हैं पार्टियां'
उन्होंने आगे लिखा है, 'भारत में अपने-अपने हित के लिए बहुत सारी पार्टियां मामले के राजनीतिकरण में जुटी हुई हैं. पूरी रिपोर्ट अखबारों में छपी है, प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की ओर से बहुत सारे बयान दिए गए हैं. साथ ही मीडिया ट्रायल की वजह से मेरे खिलाफ पूर्वाग्रह की स्थिति बन गई है.'
पत्र में आगे कहा गया है कि यह न्याय के हित में होगा कि मुझे स्वतंत्र और पारदर्शी ट्रायल का मौका दिया जाए. हालांकि जांच एजेंसियां पूर्वाग्रस्त होकर काम कर रही है, जो न्याय की प्रक्रिया को बाधित करती हैं.
बता दें कि घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी है. बुधवार को नीरव मोदी पर सीबीआई ने एक और एफआईआर दर्ज की.
इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने सीबीआई जांच में सहयोग से इनकार कर दिया है. सीबीआई ने मोदी को दो अरब डॉलर के कथित घोटाले में उसके समक्ष पेश होने को कहा था.