मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हजारों करोड़ के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए पीएमएलए के तहत कार्रवाई शुरू करने की इजाजत दे दी है.
ईडी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ के ऋण धोखाधड़ी से संबंधित मनी लांड्रिंग केस में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अपील की थी. कोर्ट इससे पहले एजेंसी की ओर से इस मामले में चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद मोदी के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वॉरंट (नॉन बैलेबल वॉरेंट) जारी कर चुका है.
लेकिन कोर्ट की ओर से जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वॉरंट सिर्फ देश में ही लागू हो सकता है. पीएनबी महाघोटाला सामने आने के बाद नीरव मोदी अपने परिवार के साथ विदेश भाग गया था और ईडी ने उसके प्रत्यर्पण के लिए आवेदन कर रखा था.
मुंबई की कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र के जरिए अधिकारियों ने बताया था कि नीरव मोदी लगातार अपना स्थान बदल रहा है. ऐसे में प्रत्यर्पण की अपील कई देशों से की गई.
पीएमएलए कोर्ट की ओर से ईडी को सिर्फ इंग्लैंड के लिए अनुमति मिली है. घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी पिछले महीने इस देश में ठहरा हुआ था. कोर्ट के आदेश के बाद ईडी इसके लिए विदेश मंत्रालय की ओर रुख करेगी जिसे उसकी ओर से इंग्लैंड के संबंधित मंत्रालय के पास भेजा जाएगा.
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी समेत कई अन्य की पीएनबी में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के महाघोटाले में कई एजेंसियों की ओर से जांच की जा रही है. सीबीआई और ईडी ने इस मामले में दो-दो प्राथमिकी (एफआईआर) दायर कर रखा है.
भारत पहले भी कर चुका है प्रत्यर्पण का अनुरोध
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि भारत की ओर से आपराधिक केस के मामले में किसी शख्स के प्रत्यर्पण के लिए इंग्लैंड से अनुरोध किया जाएगा. भारत और इंग्लैंड के बीच 1992 में प्रत्यर्पण की संधि हुई और यह नवंबर, 1993 में लागू हुआ था. तब भारत में छिपा बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद अब्दुल शाकुर कत्ल के मामले में इंग्लैंड में वांछित था, जिसे वहां प्रत्यर्पित किया गया.
नीरव मोदी से पहले शराब व्यापारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत इंग्लैंड से अनुरोध कर चुका है, हालांकि वहां के स्थानीय अदालत में केस चल रहा है.
पिछले साल इंग्लैंड की एक अदालत ने बुकी संजीव कुमार चावला के प्रत्यर्पण के भारतीय अनुरोध को खारिज कर दिया था. साथ ही 1990 के दशक में बैंक फ्रॉड के आरोपी जतिंदर अंगुराला के 2 अलग-अलग मामलों में प्रत्यर्पण के अनुरोध ठुकरा दिया. चावला के केस में भारत सरकार की ओर से इंग्लैंड के ऊपरी अदालत में भी फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी गई है.