पंजाब के क्रांतिकारी कवि अवतार पाश, भीष्म साहनी के उपन्यास 'तमस' और एक कोल्ड क्रीम ने कनाडा सरकार में मंत्री बने अमरजीत सोही को 26 साल पहले आतंकवादी साबित होने से बचा लिया था! दरअसल, बिहार काडर की IAS अधिकारी अमिता पॉल ने खुलासा किया है कि 26 साल पहले कैसे सोही पुलिस के चंगुल से बचे थे.
यहां बता दें कि सोही बुधवार को कनाडा में इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कम्युनिटी मिनिस्टर बने हैं. वह टाडा एक्ट के तहत 22 महीने तक जेल में बंद रहे थे. भारत के साथ कनाडा में भी कई लोग 1988 में उनके बिहार की गया जेल में बंद होने की कहानी जानते हैं, लेकिन इसके पीछे की कहानी बहुत कम लोग जानते हैं.
अमिता पॉल ने एक अखबार को बताया कि 26 साल पहले सोही कैसे पुलिस के चंगुल से बचे थे. सोही के केस में मौजूद रहे उनके दोस्त जगमोहन सिंह ने बताया कि सोही को 1988 में गिरफ्तार कर जहानाबाद ले जाया गया. बिहार पुलिस उन्हें खालिस्तानी आतंकी साबित करना चाहती थी, जो कनाडा से नक्सलियों के बुलावे पर उन्हें ट्रेनिंग देने आया था. पॉल उस वक्त जहानाबाद की डीएम थीं और वह भी उनसे पूछताछ करने गईं.'
सोही उस वक्त 25 साल के थे और पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह वामपंथी हैं, खालिस्तानी नहीं. जगमोहन के मुताबिक, 'अमिता ने भी साहित्य पढ़ा था औक उन्होंने सोही से किसी वामपंथी कवि की कविता सुनाने को कहा. सोही ने पाश की कुछ कविताएं सुनाईं. अमिता ने पुलिस से पूछा कि सोही के पास से क्या मिला है, पुलिस ने बताया कि विभाजन पर लिखे गए उपन्यास 'तमस' की एक कॉपी मिली है. इससी से अमिता को पता चला कि सोही आतंकी नहीं हो सकता.'
उन्होंने बताया कि पुलिस ने सोही के पास से मिली पॉन्ड की क्रीम भी दिखाई. आतंकी ऐसी चीजें कम ही रखते हैं. सोही ने बताया था कि वह थिएटर एक्टिविस्ट हैं. उन्होंने पाश की कविता 'क्रांति की बातें करने वालो, क्रांति जब आएगी तुम्हें भी तारे दिखा देगी' सुनाई थी.