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IMPACT आजतक: असम के धुबड़ी में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई, 122 गायें छुड़ाई गईं

असम के धुबरी जिले से गाय की तस्करी करके बंगलादेश ले जाने के मामले का खुलासा आज तक-इंडिया टुडे ने दो दिन पहले किया था. इस खुलासे के बाद पुलिस और बीएसएफ ने बड़ी कार्रवाई शुरू की. कार्रवाई के पहले दिन ही सुरक्षा बलों ने धुबरी में पांच तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से आठ गायों को बरामद किया.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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असम के धुबरी जिले से गाय की तस्करी करके बंगलादेश ले जाने के मामले का खुलासा आज तक-इंडिया टुडे ने दो दिन पहले किया था. इस खुलासे के बाद पुलिस और बीएसएफ ने बड़ी कार्रवाई शुरू की. कार्रवाई के पहले दिन ही सुरक्षा बलों ने धुबरी में पांच तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से आठ गायों को बरामद किया.

वहीं अभियान के दूसरे दिन सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली. तलाशी अभियान के दौरान असम के दो इलाकों से 122 गायें बरामद की गईं. असम के हाज़ीपारा से 52 और धुबरी से 70 गायों के साथ-साथ कुछ बोट्स भी सुरक्षाबलों के हाथ लगे हैं वहीं 4 लोग पानी में कुदकर भागने में सफल रहे.

आज तक ने खुफिया कैमरों के जरिए असम के धुबरी जिले के झापसाबारी इलाके में गायों की बांग्लादेश को तस्करी का खुलासा किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है. इसमें खुलासा हुआ था कि गाय समेत तमाम पशुओं के ऊपर कोई खास पहचान या कोड भी छाप दिए जाते है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि सरहद पार पहुंचने पर पशु उसी कारोबारी को मिल सके, जिसके लिए तस्करी की जा रही है.

स्थानीय नागरिकों के मुताबिक बीएसएफ जवानों की आंखों से बचाकर ये तस्करी की जाती है. एक अनुमान के मुताबिक झापसाबारी से ही हर दिन 300-400 गायों को नदी के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता है. तस्कर इन गायों को असम और बांग्लादेश के पशु व्यापारियों से खरीदते हैं. ज्यादातर गाय उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा से सड़क के रास्ते लाई जाती हैं. पहले इन्हें पश्चिम बंगाल-असम सीमा पर अनलोड किया जाता है. फिर तस्कर तय करते हैं कि गायों को बांग्लादेश कैसे भेजा जाए? नदी से तस्करी के अलावा जमीन के रास्ते भी गायों को सीमा टपा कर बांग्लादेश भेजा जाता है. हालांकि जमीनी सीमा पर चौकसी अधिक होने की वजह से इस रास्ते तस्करी पर काफी हद तक रोक लग गई है.

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