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'पुलिस ने रखवायी थी ड्रग तस्कर के घर के बाहर विजेंदर की कार'

बॉक्‍सर विजेंदर सिंह के साथी मुक्केबाज और एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता दिनेश कुमार ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने इस स्टार मुक्केबाज की कार उस फ्लैट के बाहर रखवाने की साजिश रची थी जिसमें से हेरोइन बरामद की गयी थी.

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भारतीय ओलंपिक पदक विजेता बॉक्‍सर विजेंदर सिंह ड्रग प्रकरण में मंगलवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब उनके साथी मुक्केबाज और एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता दिनेश कुमार ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने इस स्टार मुक्केबाज की कार उस फ्लैट के बाहर रखवाने की साजिश रची थी जिसमें से हेरोइन बरामद की गयी थी.

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विजेंदर की पत्नी के नाम से पंजीकृत कार जिराकपुर के उस फ्लैट के बाहर खड़ी थी जिसमें पिछले महीने 130 करोड़ रुपये के कीमत की हेरोइन बरामद हुई थी. इससे इस प्रकरण में इस मुक्केबाज का नाम भी आ गया. इसके बाद कभी विजेंदर के साथी रहे राम सिंह और कथित तौर पर ड्रग का धंधा चलाने वाले अनूप सिंह कहलौं ने भी ग्राहकों में इस मुक्केबाज का नाम लिया.

लेकिन दिनेश ने कहा कि फतेहगढ़ साहिब की पुलिस ने फ्लैट के बाहर कार खड़ी करने की साजिश रची थी. दिनेश ने कहा, ‘राम को फतेहगढ़ साहिब पुलिस से फोन आया था कि उसे पूछताछ के लिये आना होगा. उस दिन वह हमारे साथ एनआईएस पटियाला में था. मैं और साथी मुक्केबाज बंटी भी कार में उसके साथ गये थे जिसके बारे में पुलिस दावा कर रही है कि वह फ्लैट के बाहर पायी गयी थी.’

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उन्होंने कहा, ‘जब हम फतेहगढ़ साहिब पहुंचे तो पुलिस ने हमसे कहा कि राम से पूछताछ की जाएगी. मैं और बंटी इसके बाद कुछ समय के लिये बाहर निकल गये और हम फिर राम को लेने के लिये आए लेकिन पुलिसकर्मियों ने हमसे कहा कि हमें कार पुलिस स्टेशन में ही छोड़नी होगी.’

उन्होंने कहा कि कार वापस पाने में नाकाम रहने के बाद वे वापस पटियाला चले गये और बाद में पता चला कि कार जिराकपुर में पायी गयी. इस लाइट हैवीवेट मुक्केबाज ने कहा, ‘हम इससे सन्न रह गये क्योंकि जब हम वहां से गये थे तो कार पुलिस की निगरानी में थी. वह जिराकपुर कैसे पहुंच गयी यह हमारे लिये रहस्य है.’

दिनेश से पूछा गया कि जब शुरू में विवाद पैदा हुआ तो उन्होंने इन बातों का खुलासा क्यों नहीं किया, उन्होंने कहा, ‘राम पुलिस की हिरासत में था और जिस तरह से विजेंदर का नाम घसीटा गया था उससे हम घबरा गये थे.’ विजेंदर पर पंजाब पुलिस ने 12 बार हेरोइन का सेवन करने का आरोप लगाया है.

विजेंदर ने बाल और रक्त का नमूना देने से इनकार कर दिया था जिसके कारण अभी तक उनका परीक्षण नहीं किया गया है. दिनेश ने कहा, ‘एनआईएस के लोग जानते हैं कि कार परिसर में थी और पुलिस ने इसे जिराकपुर में रखने का षडयंत्र रचा था. मैंने कुछ अवसरों पर विजू से बात की. वह काफी उदास था क्योंकि वह निर्दोष है और मीडिया उसकी छवि खराब कर रहा है.’

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