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मंत्रालय लीक मामले में आरोपियों के आरोप, पुलिस ने सादे कागज पर कराए हस्ताक्षर

कॉरपोरेट जासूसी मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्हें सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. इस मामले के एक प्रमुख आरोपी पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया ने पुलिस हिरासत में अदालत जाते वक्त कहा, ‘हमसे सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए. क्या हो रहा है?’

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कॉरपोरेट जासूसी मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्हें सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. इस मामले के एक प्रमुख आरोपी पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया ने पुलिस हिरासत में अदालत जाते वक्त कहा, ‘हमसे सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए. क्या हो रहा है?’

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझ पर जो आरोप लगे हैं, मैंने वह कभी नहीं किया. मैं बीते 30 साल से पत्रकार रहा हूं और मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है.’ उसके वकील ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल के सामने ये आरोप लगाए. तीन दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद अन्य आरोपियों को भी अदालत के सामने पेश किया गया. तीन अन्य आरोपियों लालता प्रसाद, राकेश कुमार और प्रयास जैन ने भी यही आरोप लगाए.

चारों आरोपियों को छह मार्च तक 11 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे हिरासत में पूछताछ की अब जरूरत नहीं है. पुलिस ने नोएडा की एक कंसल्टेंसी फर्म में काम करने वाले लोकेश को सोमवार को गिरफ्तार किया और उसके पास से कोयला, बिजली और अन्य मंत्रालयों से जुड़े ‘संवेदनशील’ दस्तावेज कथित रूप से बरामद किए. इसके साथ ही इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 13 हो गई.

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लोकेश को द्वारका अदालत में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतीश कुमार अरोड़ा के सामने पेश किया गया. अदालत ने आरोपी को इस आधार पर पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया कि साजिश का पता लगाने और इस मामले में उससे जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है.

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