scorecardresearch
 

बरेलीः मुस्लिमों को पुलिस का रेड कार्ड, कहा- 'आप गुंडे हैं'

बरेली में पिछले साल हुए दंगों का खामियाजा मुस्लिम समुदाय के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बरेली पुलिस ने शहर के कई मुस्लिमों के खिलाफ रेड कार्ड जारी किया है, जिस पर लिखा है कि 'आप गुंडे हैं.'

Advertisement
X
बरेली पुलिस ने जारी किया रेड कार्ड
बरेली पुलिस ने जारी किया रेड कार्ड

बरेली में पिछले साल हुए दंगों का खामियाजा मुस्लिम समुदाय के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बरेली पुलिस ने शहर के कई मुस्लिमों के खिलाफ रेड कार्ड जारी किया है, जिस पर लिखा है कि 'आप गुंडे हैं.'

Advertisement

पुलिस प्रशासन ने बरेली में रेड कार्ड जारी किए और उनपर चेतावनी दी है की शहर में अगर कोई दंगा या अप्रिय घटना त्यौहार के मद्देनजर घटती है तो उस घटना के आप स्वयं जिम्मेदार होंगे और आपके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.

पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते यह चेतावनी पत्र कई शरीफ और जिम्मेदार लोगों तक भी पंहुचा दिया गया. जिसकी वजह से लोग परेशान होकर पुलिस प्रशासन और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं. पुलिस की इस लापरवाही की वजह से विपक्ष के साथ ही साथ सत्ताधारी दल के तेवर भी सख्त हो गए हैं.

नेशनल मुक्केबाज जुनैद अली खान ने कहा, 'मैं एक छात्र हूं और साथ ही नेशनल खिलाड़ी भी. एक रेड कार्ड मेरे घर पर आया था, उसमें लिखा था कि आपको चिन्हित किया जाता है कि आप गुंडे हैं. आपकी क्रिमिनल प्रवृति है आप झगड़ा कर सकते हैं. आजतक मैंने न झगड़ा किया है और न करता हूं. थाने में मैंने कहा कि किस वजह से आपने मुझे रेड कार्ड जारी किया तो उन्होंने कहा कि आप से डर है कि आप झगड़ा कर सकते हो आप गुंडे हो. हम लोग एसपी सिटी के यहां गए हमने उनसे शिकायत की. आपके कुछ ऐसे और मुखबिर हैं दलाल हैं जो हमसे पैसे ले रहे हैं.'

Advertisement

इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव ने कहा, 'इस मामले की मुझे अभी जानकारी नहीं है. मैं कलक्ट्रेट से पता करूंगा किन परिस्थितयों में ये रेड कार्ड जारी किए हैं. त्यौहार दोनों वर्गों का है दोनों समुदाय का है और हमारी पार्टी की प्राथमिकता यह है कि किसी प्रकार से बरेली में दंगा नहीं होने देंगे. यह प्रशासन का अपना तरीका होगा अपना काम करने का. मगर आम जनता में अच्छा संदेश न दे. वह तरीका अच्छा नहीं होता. हम इसकी शिकायत डीएम से करेंगे. यह कार्ड शरीफों के लिए नहीं होते क्रिमिनल के लिए होते हैं.'

पार्षद शमीम अहमद ने कहा, 'यह बहुत घोर लापरवाही है. क्योंकि यहां के लोग किसी भी प्रकार के दंगों और अन्य गतिविधि में शामिल नहीं हैं. यह कुछ लोग यहां पर और कुछ पुलिस प्रशासन के लोग पैसे की उगाही कर रहे हैं. जो शरीफ लोग हैं, यहां पर उनके नाम लिखे जा रहे हैं. फिर दो-तीन हजार रुपये लेकर उनके नाम निकाले जा रहे हैं. जिन लोगों को ये रेड कार्ड जारी कर दिए गए हैं वह आठ-नौ सालों से यहां रह भी नहीं रहे हैं, बच्चों के नाम और बुजुर्गों के नाम पर भी यह रिकॉर्ड्स जारी कर दिए गए हैं.'

Advertisement
Advertisement