लगता है कि टीम अन्ना का अनशन निर्णायक दौर में पहुंच गया है. शायद तभी दिल्ली पुलिस के पांच अधिकारियों ने जंतर-मंतर पर अनशन स्थल का मुआयना किया है. खबरों के अनुसार जंतर-मंतर पर सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं टीम अन्ना को भी बाबा रामदेव की तरह जबरन ना उठा दिया जाए.
टीम अन्ना के सदस्य नीरज कुमार को लिखे पत्र में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) के सी द्विवेदी ने कहा कि डॉक्टरों ने सलाह दी है कि केजरीवाल, सिसौदिया और राय को तत्काल इलाज की और अस्पताल में भर्ती किये जाने की जरूरत है. तीनों अनशनकारियों को आमरण अनशन पर बैठे बुधवार को आठवां दिन है और उनकी हालत बिगड़ती जा रही है.
हालांकि अन्ना हजारे और केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को अस्पताल में ले जाने को उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश करार दिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जबरदस्ती उन्हें जंतर मंतर से हटाया जाता है तो सरकार से आगे कोई बातचीत नहीं होगी. केजरीवाल ने जंतर मंतर पर मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अगर उन्हें जबरदस्ती अस्पताल ले जाया जाता है तो वहां से निकालने की जिम्मेदार लोगों पर होगी.
टीम अन्ना के कठोर रुख के बाद पुलिस ने उन्हें पत्र लिखा है. द्विवेदी ने कहा कि उनका लगातार अनशन करना, इलाज नहीं होने देना और जंतर मंतर के मंच से यह घोषणा करना कि जबरदस्ती हटाने के नतीजे गंभीर होंगे, यह सब उन शर्तों के अनुरूप नहीं है जिन पर आपसी सहमति हुई थी. इससे कानून व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है.
पत्र में कहा गया है, ‘आपको डॉक्टरों की सलाह मानने की और अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय तथा मनीष सिसौदिया को तत्काल अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है ताकि उनकी जान को कोई खतरा नहीं हो. ऐसा नहीं होने पर किसी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी सीधे तौर पर आपकी होगी.’
उन्होंने कहा कि टीम अन्ना ने सात जुलाई को दिये हलफनामे में माना था कि वे आंदोलन के किसी भी स्तर पर किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा दिये गये समस्त कानूनी निर्देशों का पालन करेंगे. नीरज कुमार को लिखे पत्र में पुलिस अधिकारी ने कहा है, ‘आंदोलन के आयोजक होने के नाते अनशन पर बैठे लोगों की कुशलता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी.’
द्विवेदी ने यह भी लिखा है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ विवेक आर्य और डॉ कनिका तथा अनशनकारियों की देखरेख कर रहे डॉ विपिन मित्तल एवं डॉ अतुल गुप्ता ने हजारे और तीनों साथियों का निरीक्षण किया है. पत्र के मुताबिक, ‘आज आरएमएल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ टी एस सिद्धू ने डॉ आर्य की पिछले दो दिन की मेडिकल रिपोर्ट भेजीं.’
उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों के इस दल ने सलाह दी है कि केजरीवाल, राय और सिसौदिया का तत्काल किसी अस्पताल में इलाज कराने की जरूरत है और इसलिए उन्हें किसी अस्पताल में भेजा जाना चाहिए. डॉ सिद्धू ने इस राय का समर्थन किया है.’ टीम अन्ना को पत्र भेजे जाने के बाद सदस्य शाजिया इलमी ने आरोप लगाया कि उन्हें जानकारी मिली है कि केजरीवाल को रात में जबरदस्ती पुलिस लेकर जाएगी. हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इनकार कर दिया.
टीम अन्ना के एक और सदस्य कुमार विश्वास ने कहा कि यह सरकार की साजिश है और वे सरकारी अस्पतालों में भरोसा नहीं करते. उन्होंने कहा, ‘हम उन डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं जो 24 घंटे इस आंदोलन में हमारे साथ हैं. सरकार ने कहा है कि वे हमसे बात नहीं करेंगे. यह सरकार अलगाववादियों से बात करेगी, माओवादियों से बात करेगी और आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान से बात करेगी. लेकिन हमारे साथ बातचीत नहीं करेगी.’
विश्वास ने कहा, ‘हम दिल्ली पुलिस से अनुरोध करते हैं कि यदि उन्हें उपर से कोई आदेश मिला है तो सोचें कि यह लड़ाई पेट के लिए नहीं है बल्कि देश के लिए है. सरकार के पास पर्याप्त संख्या में जवान नहीं हैं और पुलिस को हम सब को सलाखों के पीछे डालना होगा.’
पुलिस को भेजे संदेश में डॉ सिद्धू ने कहा कि हजारे और उनके साथी अनशनकारियों की जांच करने वाले डॉक्टर ने सलाह दी है कि केजरीवाल, सिसौदिया और राय को तत्काल अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया जाए. द्विवेदी को लिखे पत्र में डॉ सिद्धू ने कहा कि इस मामले में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट तत्काल उन्हें भेजी जानी चाहिए.