चीन और भारत के प्रधानमंत्रियों के बीच इस हफ्ते होने वाली अहम बैठक से पहले बीजिंग ने कश्मीर मुद्दे पर मंगलवार को कहा कि कश्मीरियों के लिये नत्थी किये गये कागज पर वीजा जारी करने की उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा.
चीन ने नयी दिल्ली की उस अपील को खारिज करते हुए यह बात कही, जिसके तहत यह कहा गया था कि बीजिंग को कश्मीर मुद्दे पर भारत की संवदेनशीलता का सम्मान करना चाहिए. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत के साथ चीन का दोस्ताना संबंध है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बाशिंदों के लिये नत्थी किये गये कागज पर वीजा जारी करने की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा.’
गौरतलब है कि इस बयान से कुछ हफ्ते पहले विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने उम्मीद जताई थी कि बीजिंग जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामले में ‘तटस्थता’ दिखायेगा और इस मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता का सम्मान करेगा. वियतनाम के हनोई में पूर्वी एशिया सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेन जियाबाओ के बीच इस हफ्ते होने वाली बैठक से पहले चीन की ओर से यह टिप्पणी आई है. {mospagebreak}
इस बैठक में नत्थी किये गये कागज पर वीजा जारी करने का मुद्दा खासतौर पर उठने की संभावना है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा झाओशु ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में बताया, ‘भारतीय कश्मीर के लिये वीजा के मामले में हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है.’
उन्होंने कहा कि बैठक की व्यवस्था करने के लिये दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं. भारतीय अधिकारियों को 30 अक्तूबर को यह बैठक होने की उम्मीद है. हालांकि झाओशु ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जापान यात्रा और वहां उनके समकक्ष नाओतो कान के साथ वार्ता में चीन की खास तौर हुई चर्चा के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘हम दूसरे देशों के नेताओं के बीच होने वाली बैठक के बारे में टिप्पणी नहीं करते हैं. भारत के साथ हमारे दोस्ताना रिश्ते कायम रहेंगे. हालांकि, हम जापान के साथ रणनीतिक रिश्तों को तरजीह देते हैं.’ चीन वर्ष 2008 से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को नत्थी किये गये कागज पर वीजा जारी कर रहा है.