तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) गठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया है. पार्टी पोलितब्यूरो ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है. टीडीपी ने बीजेपी पर आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है. बता दें कि आंध्राप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के कारण टीडीपी ने एनडीए से अपना समर्थन वापस लिया है.
टीडीपी सांसद वाई एस चौधरी ने कहा कि जल्दी ही अधिकारिक तौर पर बीजेपी को इसकी जानकारी भेज दी जाएगी. साथ ही टीडीपी ने आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का ऐलान किया है.
टीडीपी के एनडीए से समर्थन वापस लेने पर बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने आजतक से कहा कि यह एक पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा है जिसके तहत यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि केंद्र सरकार राज्य के लिए कुछ नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि यह राज्य में अपने वजूद को बचाए रखने के लिए अपनाया गया राजनीतिक प्रोपेगैंडा है. भाजपा पर इसका कोई असर नहीं होगा.
गुरुवार को केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष सहायता के तौर पर 12,476.76 करोड़ रूपए जारी करने का ऐलान किया था. इसमें से 2500 करोड़ रूपए नए राजधानी शहर के लिए रखे थे. हालांकि, टीडीपी लगातार इस बात को दोहराती रही है कि केंद्र ने आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है और अपने वादों को पूरा नहीं किया है.
टीडीपी का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यसभा में दिए आश्वासनों को पूरा करने में नाकाम रही है. राज्यसभा में पीएम ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का आश्वासन दिया था. पार्टी का कहना है कि बीजेपी के साथ गठबंधन इसलिए किया गया था ताकि आंध्र प्रदेश के साथ न्याय हो सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आंध्र को नहीं मिलेगा स्पेशल स्टेटस
इससे पहले आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस के आधार पर ही स्पेशल पैकेज दिया जाएगा. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस देने के विषय में मुख्य बात यह है कि किसी राज्य को स्पेशल स्टेटस क्यों दिया जाता है? जेटली ने कहा कि फाइनेंस कमीशन के मुताबिक महज नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों के लिए स्पेशल स्टेटस का प्रावधान है क्योंकि उनके पास अपने खुद के संसाधन बेहद सीमित हैं.
केंद्र के सामने क्या है दिक्कत
जेटली ने बताया था कि चौदहवें वित्त आयोग ने राज्यों के लिए स्पेशल स्टेटस के प्रावधान को हटा दिया. लिहाजा अब इस आधार पर आंध्र को स्पेशल स्टेटस का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. लिहाजा केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने फैसला किया कि 5 साल तक 90-10 फीसदी के फॉर्मूले के आधार पर आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज दिया जाएगा. लेकिन आंध्र को अब स्पेशल स्टेटस का दर्जा नहीं दिया जा सकता है.