दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले को लेकर जब आज लोकसभा में चर्चा हुई तो माओवादियों से संबंधों को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का हंगामी दौर चला, जिसके कारण सदन की बैठक कई बार स्थगित करनी पड़ी.
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने यह आरोप लगाते हुए बर्रे के छत्ते में हाथ डाल दिया कि कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में नक्सलियों से ‘हाथ मिलाकर’ चुनाव जीता था. इसके बाद सत्तापक्ष की ओर से इस बात का तीखा विरोध हुआ.
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल और कांग्रेस के कई सदस्यों ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कुछ राज्यों की भाजपा सरकारों के भी नक्सलियों से रिश्ते हैं. सिन्हा के आरोप के विरोध में कांग्रेस के कई सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गये और भाजपा सदस्य भी पलटवार करते रहे.
इस पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि सदन में काफी गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही है. यह समय आरोप लगाने का नहीं, बल्कि सभी दलों द्वारा मिलकर यह चर्चा करने का है कि किस तरह हम बेहतर तरीके से इस समस्या से निपट सकते हैं. उन्होंने सिन्हा से यह भी कहा कि वह ऐसे आरोप न लगायें, जिनकी वह पुष्टि न कर सकें.
इससे पहले, सिन्हा ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम का समर्थन करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की उन टिप्पणियों की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा है कि चिदंबरम इस समस्या से कानून व्यवस्था के नजरिये से निपटने का प्रयास कर रहे हैं. सिन्हा ने सवाल किया कि नक्सलियों से लड़ने के मामले में जहां विपक्ष सरकार के साथ है, वहीं क्या कांग्रेस और संप्रग भी इस लड़ाई में सरकार के साथ है? {mospagebreak}भाजपा नेता ने कहा कि सिंह ने एक अखबार में संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख संसद सत्र दोबारा शुरू होने से महज एक दिन पहले लिखा और ‘माओवादियों की समस्या से निपटने की सरकार की पूरी नीति को चुनौती दी.’ उन्होंने कहा कि वह (दिग्विजय सिंह) सामूहिक जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं और जब एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस का एक पदाधिकारी इस तरह की चुनौती दे तो वह न सिर्फ गृह मंत्री को, बल्कि पूरी सरकार को चुनौती दे रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस का जाहिरा तौर पर संदर्भ देते हुए सिन्हा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन खुद ही एकजुट नहीं है.
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन गंभीर रूप से बंटा हुआ है. इस गठबंधन में ऐसे कुछ लोग हैं जो सरकार की नीति को चुनौती दे रहे हैं. इस पर द्रमुक नेता टी. आर बालू ने पलटवार करते हुए सिन्हा से ऐसे लोगों का नाम बताने को कहा. इस पर भाजपा नेता ने सिर्फ इतनी टिप्पणी की कि जितना अच्छी तरह मैं जानता हूं, उतना ही आप भी जानते हैं.
जब लोकसभा की बैठक दोपहर एक बजे फिर शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्यों ने मांग की कि सिन्हा को उनकी टिप्पणी के लिये माफी मांगनी चाहिये. इसके तुरंत बाद विपक्षी सदस्य खड़े होकर नक्सलवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार करने लगे. सिन्हा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में नक्सलियों के साथ समझौता किया था.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से शांति बनाये रखने का अनुरोध किया. मीरा ने कहा कि मैं रिकॉर्डिग देखूंगी और अगर मुझे कुछ भी नियमों के खिलाफ नजर आया तो मैं उपयुक्त कार्रवाई करूंगी. जब सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों का हंगामा बंद नहीं हुआ तो मीरा ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी. इसके बाद मीरा ने संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल को चर्चा के लिये बुलाया.
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, सदन के नेता प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के अन्य सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा करते नजर आये ताकि दंतेवाड़ा में नक्सली हमले की घटना पर गृह मंत्री निर्बाध रूप से अपना वक्तव्य दे सकें.
इस बीच, सिन्हा को यह कहते सुना गया कि उन्होंने अब तक तो संयम बरता है और अगर उन्हें मजबूर किया गया तो वह हर कांग्रेस सदस्य से निपटेंगे.