हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है. हाई कोर्ट मे उनके वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई ने कोई सबूत न होने का तर्क देकर खुद इस मामले को बंद कर दिया था. लेकिन सरकार बदलते ही केस दर्ज कर लिया गया. इस मामले में कॉमन कॉज संस्था की और से दायर याचिका के बाद सीबीआई ने शुरुआती जांच के लिए मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने ख़ुद कोर्ट को बताया था कि ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है जिससे उनके खिलाफ कोई मामला बनता हो.
इसके बाद केंद्र में सरकार बदलने के बाद सीबीआई ने दोबारा मामला दर्ज करके जांच शुरू की. साफ है कि ये राजनीति से प्रेरित होकर मामला दर्ज किया गया है. प्रतिभा सिंह के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई भी मामला नहीं बनता और सीबीआई की कार्रवाई गैरकानूनी है. ऐसे में दर्ज केस को खारिज किया जाना चाहिए. सीबीआई ने जब उनकी मुवक्किला के निवास का छापा मारा तो भी कोई भी आपत्तिजनक दस्तावेज और साक्ष्य बरामद नहीं किया, इस मामले में जिरह आगे भी जारी रहेगी.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने वीरभद्र सिंह की याचिका पर एक अक्टूबर 2015 को अपने अंतरिम आदेश में उनकी गिरफ्तारी, पूछताछ या कोर्ट की इजाजत के बिना इस मामले में सिंह के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल करने पर रोक लगा दी थी. सीबीआई ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी और कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट का अंतरिम आदेश बरकरार रखा था.