पुलवामा हमले के बाद 'आजतक' ने इंडिया गेट से खास कार्यक्रम 'जयहिन्द: एक दीपक शहीदों के नाम' आयोजित किया. इस कार्यक्रम में देश के कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने आतंकवाद की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने के रास्ते सुझाए. इस खास शो में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी, आरएसएस विचारक अवनिजेश अवस्थी, कश्मीरी एक्टिविस्ट सुशील पंडित, रक्षा विशेषज्ञ के. के सिन्हा और एंटी टेररिस्ट फ्रंट के प्रमुख एम एस बिट्टा ने शिरकत की.
हिन्दुस्तान पुलवामा हमले का जवाब कैसे देगा? इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता संबित ने कहा कि भारत इमरान के भाषण का जवाब गोले से देगा और उनका यह बयान पाकिस्तानी सेना, आतंकियों और आईएसआई की भावना को दर्शाता है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री गोली का जवाब गोला से देते हैं. आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा और वक्त पर जवाब दिया जाएगा.
हमारी महिलाएं भी, तुम्हारे जवानों पर भारी
कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा कि इमरान खान को पहले अपने मुल्क का इतिहास और भूगोल देखना चाहिए, पाकिस्तान और चीन की बात आएगी तो सभी राजनीतिक दल एक सुर में एक साथ खड़े हैं. पाकिस्तान के मंत्री के बयान पर कांग्रेस के नेता ने कहा कि हमारे देश की महिलाएं जो चूड़ी पहनती हैं, वह भी पाकिस्तान के सैनिकों से ज्यादा मजबूत हैं.
सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि भारत इसका जवाब पुरजोर तरीके से देगा, प्रधानमंत्री के साथ हम सब खड़े हैं और उनका जवाब ही इस पूरे देश का जवाब होगा. एम एस बिट्टा ने इमरान खान को जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगा, पाकिस्तान के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे.
अब आर-पार की लड़ाई का वक्त
रक्षा विशेषज्ञ के. के. सिन्हा ने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान के आतंकियों की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर निर्णायक लड़ाई होगी तो सेना माकूल जवाब देगी. सिन्हा ने कहा कि सेना कह चुकी है कि घाटी में जो भी आतंकी बंदूक उठाएगा, जिंदा नहीं रहेगा. रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि चुनाव आएंगे-जाएंगे लेकिन अबकी बार आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए.
कश्मीरी पंडितों की हक की लड़ाई लड़ रहे सुशील पंडित ने कहा कि हमारे बेटे कश्मीर की आवाम और नेताओं की हिफाजत में लगे हैं लेकिन महबूबा मुफ्ती, उमर अबदुल्ला जैसे नेता श्रीनगर में जवानों के पार्थिव शरीर पर एक फूल चढ़ाने तक नहीं पहुंचे, जबकि दिल्ली से गृह मंत्री राजनाथ सिंह वहां जवानों के पार्थिव शरीर को कंधा दे रहे थे. सुशील पंडित ने कहा कि अलगाववादियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि वही घाटी के युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं.
सिद्धू पर कब होगी कार्रवाई?
संबित पात्रा ने कहा कि देश के दुश्मन हमारे आस-पास भी हैं तो जो लोग देशविरोधी नारे लगाते हैं, आतंकी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करते हैं, उनका पर्दाफाश किया जाना भी जरूरी है. सिद्धू का नाम लिए बगैर संबित ने कहा कि कुछ नेता पाकिस्तान के पीएम को अपना यार बताते हैं और कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म और देश नहीं होता. कैंडल मार्च से कुछ नहीं होगा, ऐसे नेताओं को पार्टी से कब निकाला जाएगा.
सिद्धू पर लगे आरोपों पर कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा कि किस क्रिकेटर ने क्या कहा, अभिनेता ने क्या कहा, हमें कब तक इन बातों में उलझाएंगे. अब बहुत हो गया सरकार और देश के दुश्मन सिद्धू या कमल हासन नहीं है बल्कि हमारा दुश्मन जनरल बाजवा है. देश की सेनाओं को अब जवाब देना दीजिए.
संघ के जानकार अवनिजेश अवस्थी ने कहा कि जवानों की शहादत का मजाक तो जेएनयू में पहले भी बनाया गया है. उन्होंने सिद्धू के बयान पर कहा कि यह किसी नेता का निजी बयान नहीं हो सकता, ऐसे बयान देने वालों को शर्म आनी चाहिए.
भाषण का नहीं एक्शन का वक्त
सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि भाषण का वक्त अब खत्म हो चुका है और अब सरकार से एक्शन की उम्मीद है. तिवारी ने कहा कि देश के दुश्मन अंदर नहीं बैठे बल्कि हमारा दुश्मन पड़ोसी मुल्क है. उन्होंने कहा कि देश के नेताओं को भाषण का अधिकार नहीं है क्योंकि हम में से किसी ने जवानों जितना बड़ा बलिदान नहीं दिया है. तिवारी ने कहा कि देश की राजनीति में बहुत सारे मतभेद हैं लेकिन आज उन्हें उखाड़ने का वक्त नहीं है.
एम एस बिट्टा ने कहा कि पंजाब में आतंकवाद से लंबी लड़ाई हुई जिसमें हमने पाकिस्तान को जवाब दिया. पड़ोसी से दो टूक कहा कि न खालिस्तान बना था और न बनने देंगे. लेकिन हमें देश के गद्दारों से बच के रहना पड़ेगा क्योंकि वही लोग असल में देश के दुश्मन हैं. बिट्टा ने कहा कि सिद्धू ने देश के साथ गद्दारी की है और उन्हें पाकिस्तान के पीएम इमरान के घर पाकिस्तान ही चले जाना चाहिए.
कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा कि सिद्धू ने जो बयान दिया है वह राजनाथ सिंह कुछ दिन पहले देश की संसद में दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब सर्वदलीय बैठक हो रही थी तब प्रधानमंत्री चुनावी रैली कर रहे थे. एनएसए अजित डोभाल के बेटे पाकिस्तान और यूएई के कारोबारियों के पार्टनर हैं. यह सवाल आज मुश्किल वक्त में हम नहीं पूछ रहे हैं लेकिन हम इसे भूलेंगे नहीं. आज हम सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन छोटी राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी.