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केजरीवाल के दफ्तर में सीबीआई ने मारा छापा, ममता बनर्जी ने जताई हैरानी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच एजेंसी सीबीआई पर उनके दफ्तर पर छापे मारने का आरोप लगाया है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.

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दिल्ली सीएम के दफ्तर में छापेमारी
दिल्ली सीएम के दफ्तर में छापेमारी

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दिल्ली सचिवालय में सीबीआई की छापेमारी से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तन गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने उनके दफ्तर पर छापा मारा और फाइलें खंगाली. दूसरी तरफ जांच एजेंसी का कहना है कि उन्होंने केजरीवाल के दफ्तर पर छापा मारा ही नहीं. अब इस मामले में नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और केजरीवाल की करीबी ममता बनर्जी ने ट्विटर पर इस मामले पर हैरानी जताई है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री के दफ्तर को सील करने का मामला पहली बार हुआ है, मैं हैरान हूं.'

 

 

इसपर केजरीवाल ने लिखा, 'ममता दीदी. ये एक अघोषित आपातकाल है.'

 

 

अरविंद ने कहा कि शीला दीक्षित की सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने के लिए उनके कार्यालय में छापे मारे जा रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, '2002 में शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार के मामले में 2015 में केजरीवाल पर CBI रेड. वाह मोदी जी.'

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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'एक मामला, जिसमें मौजूदा उप राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री का भी नाम है, उसमें केजरीवाल के दफ्तर पर रेड डाली गई है.'

 

 

ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सीबीआई 2002 में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही है. वो भी 2015 में केजरीवाल के दफ्तर पर छापेमारी करते हुए.'

कांग्रेस नेता कमल नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री के दफ्तर पर छापा मारना संघवाद की भावना के खिलाफ है.

असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि सीबीआई के पास अधिकार नहीं है, बल्कि रेड डालने का तरीका होता है.'

आप नेता आशुतोष ने कहा, 'अगर आपको किसी जानकारी की जरूरत थी तो आपने दिल्ली के मुख्यमंत्री को विश्वास में क्यों नहीं लिया? ये साफ तौर पर राजनीति प्रतिशोध है. सभी फाइलों की छानबीन की गई ताकि केजरीवाल के खिलाफ किसी कार्रवाई करने के लिए कुछ तलाशा जा सके.'

टीएमसी नेता डेरेक ओब्रिएन ने कहा, 'दिल्ली सीएम के दफ्तर में सीबीआई की रेड आधुनिक भारत के इतिहास में पहली बार है.'

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा है कि इस छापेमारी का अरविंद केजरीवाल या उनके कार्यकाल से कोई लेना-देना नहीं है.

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शिवसेना नेता संजय राउत ने केजरीवाल को हिदायत देते हुए कहा, 'दिल्ली सीएम को, जो हुआ है, उस बारे में थोड़ा संयम रखना चाहिए.'

वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने भी सीबीआई की छापेमारी को गलत करार दिया है. उनका कहना है कि इस तरह मुख्यमंत्री के कार्यालय पर छापा मारना ठीक नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए अस्तित्व में आई थी लेकिन अब वो खुद भ्रष्टाचार का साथ दे रहे हैं.

14 जगह रेड, साढ़े 10 करोड़ बरामद
सीबीआई ने इस केस के सिलसिले में दिल्ली और यूपी में 14 जगह छापेमारी की. मामले में दूसरे आरोपी टीसीआईएल के जीएम और आईसीएसआईएल के पूर्व एमडी जीके नंदा के घर से 10.5 करोड़ रुपये बरामद हुए. सीबीआई की छापेमारी जारी है.

राजेंद्र के घर से ढाई लाख रुपये मिले राजेंद्र के घर से 2.40 लाख रुपये और 3 अचल संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. वहीं, दफ्तर से कुछ दस्तावेज, एक बैग, कुछ पत्र और पेन ड्राइव बरामद की है. सूत्रों का कहना है कि राजेंद्र अपना ईमेल दिखाने में सीबीआई का सहयोग नहीं कर रहे. सीबीआई पहले भी राजेंद्र से पूछताछ कर चुकी है.

सीबीआई ने कहा, नहीं मारा केजरीवाल के दफ्तर में छापा
सीबीआई ने आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा है कि सीएम के दफ्तर पर छापा नहीं मारा गया है. जांच एजेंसी ने कहा कि छापा केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के घर और दफ्तर पर मारा गया.

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सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. छापेमारी अभी भी चल रही है.'

सीबीआई ने बताया, 'दिल्ली और यूपी में 14 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. राजेंद्र कुमार के घर से 2.40 लाख रुपये और 3 अचल संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. राजेंद्र अपने ईमेल अकाउंट खोलने में सहयोग नहीं कर रहे हैं.'

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