#MeToo मामले में फंसे एमजे अकबर ने आखिरकार बुधवार को विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद सियासी गलियारों में बयानों का सिलसिला शुरू हो गया. केंद्रीय मंत्री हरसिरमत कौर ने इस्तीफे पर कहा कि अगर 20 महिलाओं ने आरोप लगाए हैं तो कोई बात तो रही होगी. कांग्रेस की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मामले को सामने लाने के लिए प्रिया रमानी समेत उन सभी महिलाओं को सम्मान जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने कहा है कि आखिरकार अकबर ने पद से इस्तीफा दे दिया. देर से इस्तीफा देने के लिए उन्हें शर्म आना चाहिए. इस इस्तीफे का श्रेय केंद्र सरकार या खुद अकबर को दिए जाने के बजाय #MeToo कैम्पेन को दिया जाना चाहिए. खासतौर पर उन बहादुर महिलाओं को, जिन्होंने इस बारे में शिकायत की और उन महिलाओं और पुरुषों को जो उन पीड़िताओं के साथ खड़े हुए.
Finally MJ Akbar has resigned. Shame on him for having delayed it for so long. The credit for the resignation goes not to the Centre or MJ Akbar but directly to the #MeToo campaign. Esp to those brave women who reported the assault & those women and men who stood by them.
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) October 17, 2018
20 महिलाओं ने लगाया आरोप, कोई तो बात होगी
अकबर द्वारा अपने पद से देरी से दिए गए इस्तीफे पर केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि इंसान को अपनी आत्मा की आवाज सुनी चाहिए. और जब 20 औरतें ऐसी कोई बात कह रही हैं तो बातों में कहीं-न-कहीं सच्चाई होती है. शिकायतकर्ता केवल एक महिला नहीं है और किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी हुई नहीं है. तो मैं समझती हूं कि जो हुआ है और जो कदम लिया गया है वह सही हुआ है.
महिला विरोधी बीजेपी की मानसिकता के कांग्रेस के आरोप पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कांग्रेस से ज्यादा किसी और की मानसिकता नहीं गिरी है, जो अकेले बातों में करते हैं हकीकत में वह क्या करते रहे हैं.
वहीं, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि विपक्ष ने नैतिकता के आधार पर अकबर से इस्तीफे की मांग की थी. एमजे अकबर का इस्तीफा देने का फैसला सही है. उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जानी चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक संघ एमजे अकबर से इस मामले में नाराज था. साथ ही संघ ने इस बात की जानकारी सरकार को दे दी थी.
महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली रंजना कुमारी ने कहा कि महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई. मत भूलिए कि ये महिला पत्रकारों की एकजुटता की ताकत और #MeToo कैम्पेन को मिले राष्ट्रीय समर्थन का नतीजा है कि अकबर को इस्तीफा देना पड़ा. देश की महिलाएं याद रखें कि आप मजबूत है.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि प्रिया रमानी समेत वे सभी महिलाएं, जिन्होंने इस मामले में आगे आकर आपाज उठाई, उन सभी को मेरी तरफ से बहुत सम्मान. ये इस्तीफा सच की शक्ति का सबूत है. #MeTooIndia
दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले पर कहा कि मैं एमजे अकबर को लेकर किए गए सरकार के फैसले का स्वागत करती हूं. महिला आयोग भी इस फैसले का स्वागत करता है. हमें इस बात की खुशी की सरकार ने इस मामले में फैसला लिया..
बता दें कि #MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर के ऊपर अब तक 20 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी.
रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए. अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की.