इंडिया टुडे-CICERO ने बिहार और उत्तर प्रदेश के वोटरों का मिजाज जानने के लिए चुनाव पूर्व सर्वे किया, जो 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच किया गया. इस सर्वे में बिहार और यूपी के लोगों के बीच नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर पहली पसंद बनकर उभरे. सर्वे में बीजेपी और उसका गठबंधन दोनों राज्यों में सबसे बड़े दल या गठबंधन के रूप में भी उभर रहे हैं.
सर्वे से बिहार में जो तस्वीर उभरकर सामने आ रही है उसके अनुसार 2014 के आम चुनाव में बीजेपी को 38 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं जो 2009 में मिले उसके वोट प्रतिशत से 17.5 फीसदी ज्यादा है. इस तस्वीर को देखने के बाद कहा जा सकता है कि जेडीयू से अलग होने के बाद बीजेपी को बिहार में अच्छी खासी बढ़त मिलती दिख रही है. जेडीयू को एनडीए से अलग होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इंडिया टुडे के सर्वे में इस बार उसे 18 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जो 2009 के मुकाबले 6.1 फीसदी कम है. यूपीए (कांग्रेस-आरजेडी) का मत प्रतिशत भी बिहार में 2009 के मुकाबले गिरता हुआ दिख रहा है. 2014 में यूपीए को यहां 24 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जो पिछली बार के मुकाबले 5.6 फीसदी कम हैं.
बिहार में वोट प्रतिशत के अनुमान को अगर सीटों में बदला जाए तो इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार 40 में से बीजेपी को यहां 20-24 सीटें मिल सकती हैं. इस सर्वे में कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की झोली में 15-19 सीटें जाती दिखती हैं जबकि जेडीयू 0-2 सीटों तक सिमट सकती है.
जब बिहार के वोटरों से पूछा गया कि वे किसे प्रधानमंत्री के तौर पर सबसे बेहतर मानते हैं तो वहां के 42 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी का नाम लिया, जबकि 15 प्रतिशत लोग मानते हैं कि राहुल गांधी बेहतर प्रधानमंत्री साबित हो सकते हैं. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ 13 फीसदी लोग ही प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त मानते हैं.
30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच उत्तर प्रदेश के 60 विधानसभा क्षेत्रों में भी इंडिया टुडे ने चुनाव पूर्व सर्वे किया. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के हिस्से में 35 फीसदी वोट जाने का अनुमान लगाया गया है जो 2009 के मुकाबले 17 प्रतिशत ज्यादा है. कांग्रेस के पक्ष में 17 फीसदी वोट का अनुमान है जो पिछली बार के मुकाबले 5 प्रतिशत कम है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी को भी इस बार 9 प्रतिशत का नुकसान होने का अनुमान है और इस बार उनके पक्ष में सिर्फ 18 फीसदी ही वोट जा सकते हैं.
इंडिया टुडे के सर्वे में मुलायम सिंह की पार्टी सपा को 22 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जो पिछले चुनाव के मुकाबले 1 प्रतिशत कम है. इससे साफ है कि पिछले लगभग 2 साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज सपा सरकार की नाकामियों का उसके लोकसभा चुनावों के अभियान पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. अन्य को यहां 8 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं जो पिछले चुनाव के मुकाबले 2 फीसदी कम है.
उत्तर प्रदेश के इसी वोट प्रतिशत को अगर सीटों में बदला जाए तो राज्य की 80 में से बीजेपी को 42-50 सीटें तक मिलने का अनुमान है. जबकि समाजवादी पार्टी 15-21, कांग्रेस 6-13, बीएसपी 9-13 और अन्य की झोली में 0-2 सीट तक जा सकती हैं. उत्तर प्रदेश के 38 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते है. मुलायम सिंह यादव को 16 फीसदी और मायावती को 16 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं.
सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि अमेठी से चुनाव जीतते आ रहे राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के सिर्फ 13 फीसदी लोग बेहतर पीएम उम्मीदवार मानते हैं और वे यहां चौथे स्थान पर खिसक गए हैं. 6 फीसदी लोग अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं.