केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय माकन ने खेल महांसघों के पदाधिकारियों का कार्यकाल सीमित करने को लेकर उठे विवाद को नया मोड़ देते हुए आज यहां कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ से लेकर राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के शीर्ष पदों पर काबिज राजनेताओं को किसी पेशेवर व्यक्ति के लिये अपना पद छोड़ देना चाहिए.
माकन ने यहां वेटरन्स फुटबाल क्लब के सचिव हेम चंद की विश्व कप फुटबाल को लेकर संकलित की गयी ‘सॉकर डायरी’ का लोकार्पण करने के बाद कहा कि अब समय आ गया है जबकि किसी सांसद, राजनेता या सरकारी पद पर कार्यरत किसी शीर्ष अधिकारी का खेल महासंघों का पदाधिकारी बनना जरूरी नहीं है और केवल पेशेवर लोगों को ही यह पद संभालने चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि चुने हुए नुमाइंदों (सांसद, विधायक आदि) को खेल प्रबंधन से दूर रहना चाहिए. एक समय था जबकि खेल संघों में नेताओं, सांसदों की जरूरत पड़ती थी क्योंकि तब संसाधन नहीं थे और सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिये इन लोगों को चुना जाता था.’’ माकन ने कहा, ‘‘ लेकिन अब समय बदल गया है. खेलों में कारपारेट जगत से पैसा आ गया है और ऐसे में पेशेवर और ऐसे लोगों को ही इनसे (खेल महासंघों) जुड़ना चाहिए जिन्हें खेल की अच्छी समझ हो.’’ माकन ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जबकि खेल महासंघों के पदाधिकारियों का कार्यकाल सीमित करने को लेकर खेल मंत्रालय तथा आईओए और एनएसएफ आमने सामने हैं.
खेल मंत्रालय के नये दिशानिर्देशों के अनुसार आईओए अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी, भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा, साईकिलिंग संघ के प्रमुख सुखदेव सिंह ढींढसा, एयरो क्लब के प्रमुख कैप्टेन सतीश शर्मा आदि को अपना पद छोड़ना पड सकता है. ये सभी विभिन्न पार्टियों से जुड़े नेता हैं. इनके अलावा कई राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी विभिन्न खेल संघों से जुड़े हुए हैं.
माकन ने कहा कि उन्हें भी खेल महासंघों से जुड़ने का न्यौता मिलता रहा है लेकिन उन्होंने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास भी कुछ खेल महासंघों से प्रस्ताव आये लेकिन मैंने उन्हें नकार दिया. मैंने उनसे कहा कि अब खेल संघों में नेताओं की नहीं खिलाड़ियों की जरूरत है और उन्हें ही इनसे जुड़ना चाहिए.’’ उन्होंने इसके साथ ही देश में फुटबाल का भविष्य उज्ज्वल बताते हुए कहा कि लोगों को धीरे धीरे क्रिकेट से मोहभंग हो रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अधिकता किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती. क्रिकेट से लोगों को मोहभंग हो गया है. क्रिकेट के बाद यदि लोगों को कोई खेल पसंद है तो वह फुटबाल होगा.