नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी की जो कटु आलोचना की है, ज्यादातर लोग उससे सहमत नहीं हैं. आज तक के पाठकों ने नीतीश कुमार की बातों से असहमति जताई है.
हमने अपने पाठकों से पूछा था कि नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को झूठे किस्से गढ़ने वाला, अहंकारी और इतिहास की समझ न रखने वाला बताया है. उन्होंने यह भी कहा है कि मोदी की हवा नकली ढंग से बनाई गई है. क्या आप उनकी बात से सहमत हैं?
इस सवाल के जवाब में 89.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नीतीश कुमार की इन बातों से सहमत नहीं हैं, जबकि महज 10.9 प्रतिशत ने सहमति जताई. एक पाठक का कहना था कि नीतीश कुमार अपनी नाकामियां छुपाना चाहते हैं. एक अन्य पाठक ने कहा कि नीतीश कुमार लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि एक अन्य ने कहा कि हीरे को पहचान की जरूरत नहीं होती है.
एक पाठक ने तो नीतीश कुमार से जानना चाहा कि वे इतना परेशान क्यों हो रहे हैं, कहीं उन्हें मोदी का डर तो नहीं सता रहा है. एक पाठक ने लिखा है कि नीतीश बौखला गए हैं. एक पाठक ने मोदी का बचाव करते हुए कहा कि बेशक तक्षशिला आज बिहार में नहीं है, लेकिन कभी वह मगध साम्राज्य का हिस्सा था और चंद्रगुप्त नाम के राजा गुप्त वंश के भी थे. एक पाठक ने तो उलटे न्यूज चैनलों से सवाल पूछ लिया कि क्या वे नीतीश कुमार की बातों से सहमत हैं?
लेकिन कुछ पाठक नीतीश कुमार के साथ भी हैं. एक ने लिखा है कि बिहार की जनता कृतघ्न नहीं है कि वह जंगल राज से मुक्ति दिलाने वाले नीतीश कुमार का साथ छोड़ दे. एक ने लिखा है कि आरएसएस की पाठशाला में इतिहास का अच्छा टीचर नहीं है क्या?
(मधुरेंद्र प्रसाद सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार और हमारे संपादकीय सलाहकार हैं)