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बंगालः निकाय चुनाव में हिंसा, TMC कार्यकर्ताओं पर बूथ लूटने का आरोप

 विपक्षी दल वाम मोर्चा सहित कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने हिंसा और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाते हुए मतदान को 'हास्यास्पद' करार दिया.

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पश्चिम बंगाल में हिंसा के बीच संपन्न हुआ निकाय चुनाव
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बीच संपन्न हुआ निकाय चुनाव

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बंगाल में रविवार को हिंसा के बीच मतदान संपन्न हुआ. चुनाव में कम से कम चार जगहों पर चुनावी हिंसा के चलते पार्टी कार्यकर्ता घायल हुए है. अघोषित तौर पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही कांग्रेस और वाम मोर्चा ने राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर 'बड़े पैमाने पर वोट लूटने' का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया.

निर्वाचन अधिकारियों द्वारा विपक्षी नेताओं से मिलने और उनका ज्ञापन स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया. इसके बाद विरोध प्रदर्शन किया गया. विपक्ष उत्तरी रायगंज, डोमकल और पुजाली नगर पालिकाओं में हुए मतदान के संबंध में निर्वाचन आयोग को अपनी शिकायत करना चाहता था.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी जब पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़कर आगे आ गए, तब जाकर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कांग्रेस और वाम मोर्चा के प्रतिनिधियों से मिलने का वादा किया. हालांकि बाद में अधिकारी मतदान में व्यस्तता का हवाला देकर विपक्ष के नेताओं से नहीं मिले. भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी मतदान में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया.

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हालांकि, बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में चार नगर निकायों - दार्जिलिंग, कुर्सियोंग, दार्जिलिंग में ही मिरिक अधिसूचित क्षेत्र प्राधिकरण और कलिम्पोंग- में मतदान शांतिपूर्ण रहा.

स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ मतदान
माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र ने मतदान के स्वतंत्र और निष्पक्ष न होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, कि डोमकल में मोटरसाइकिल सवार बाहरी तत्वों ने हमारे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर बम फेंके और गोलियां चलाईं. स्थानीय प्रशासन ने भी घटना की अनदेखी की. सुबह से ही मतदान तमाशा बन ग तृणमूल के समर्थन वाले शरारती तत्वों की ओर से की गई गोलीबारी में हमारे तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं. एक अन्य कार्यकर्ता की हड्डियां टूट गई हैं. उन्होने तृणमूल समर्थकों पर रायगंज और पुजाली में मतदान केंद्रों पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, कांग्रेस और वाम मोर्चा के पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्रों से बाहर कर दिया गया और ईवीएम मशीनों के साथ तोड़फोड़ की गई.यहां तक कि पत्रकारों को भी नहीं छोड़ा गया.

मिश्र ने डोमकल, पुजाली और रायगंज में चुनाव रद्द करने की भी मांग की. उन्होंने कहा, लेकिन हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि फिर से मतदान कराए गए तो वे निष्पक्ष होंगे. इससे साफ हो चुका है कि जब तक तृणमूल सत्ता में रहेगी, निष्पक्ष मतदान संभव ही नहीं है.

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कार्यकर्ताओं पर हुआ हमला
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने डोमकल के अपने सभी पार्टी प्रत्याशियों से चुनाव से नाम वापस लेने के लिए कहा है. रविवार को हुए मतदान को 'मजाक' करार दिया है. रायगंज से पूर्व कांग्रेस सांसद दीपा दासमुंशी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल के गुंडों ने विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमला किया. उन्होंने कहा कि रायगंज में वैध मतदाताओं को अपना मत डालने की इजाजत ही नहीं दी गई. दीपा ने कहा, पुलिस और प्रशासन ने हमारे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई.

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