अभिनेत्री से प्रोड्यूसर बनीं पूजा भट्ट का एक दीवाना पिछले 21 सालों से अमृतसर की जेल में बंद है.
यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जिसने पूजा भट्ट की फिल्म 'सड़क' देखी और उनसे प्यार कर बैठा. वह इस कदर दीवाना हो गया था कि उसने साल 1992 में भारत आकर पूजा भट्ट से मिलने की ठान ली. लेकिन विदेशी नागरिक अब्दुल शरीफ (42 वर्ष) को यह नहीं पता था कि बिना सही दस्तावेजों के भारत आने पर उसे जेल भी हो सकती है.
वह जब पूजा भट्ट से मिलने के लिए भारत आया था तब उसकी उम्र महज 21 साल थी. आपको बता दें कि 90 के दशक में पूजा की गिनती बॉलीवुड की सबसे हॉट अभिनेत्री के तौर पर होती थी.
शरीफ को साल 1992 में वाघा बॉर्डर पार करते वक्त गिरफ्तार किया गया था. उसके पास जरूरी दस्तावेज नहीं थे. ऐसे में उसे 2 साल की सजा सुनाई गई थी. उसकी सजा की मियाद तो 1994 में ही पूरी हो चुकी थी, मगर वह अपनी याद्दाश्त खो चुका था. उसे उसके देश भी नहीं भेजा जा सका, क्योंकि उसे खुद नहीं मालूम था कि वह कहां से आया है. उसके पास कोई ऐसे कागजात भी नहीं हैं, जिससे वह अपनी नागरिकता साबित कर सके.
अमृतसर सेंट्रेल जेल के सुपरीटेंडेंट अमरीक सिंह के मुताबिक, 'शरीफ की सजा की मियाद 1994 में खत्म हो गई थी. वह अपनी याद्दाश्त खो चुका है. वह कभी कहता है कि वह ईरान से आया है और कभी कहता है कि उसका घर पाकिस्तान में है. हमने दोनों देशों के दूतावासों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी शरीफ को अपना नागरिक नहीं बताया.'
21 सालों से जेल में बंद शरीफ को यह तो नहीं मालूम कि वह कहां से आया है, लेकिन उसे पूजा भट्ट अब भी याद है. उसे सिर्फ दो ही नाम याद हैं. एक अपने पिता गुलाम मोहम्मद का और दूसरा पूजा भट्ट का. यही नहीं, वह पूजा को लेकर अपने प्यार का इजहार भी किया करता है. उसने अपनी बाईं बांह में पूजा के नाम का टैटू भी बनवाया हुआ है. वह कुछ डायलॉग्स भी बोलता है, जिनसे पता चलता है कि वह पूजा भट्ट से कितना प्यार करता है.
जेल के डिप्टी सुपरीटेंडेंट आरके शर्मा के मुताबिक, 'वह अब भी पूजा भट्ट से मिलना चाहता है और उनके साथ फिल्म करने की इच्छा रखता है.'
शरीफ जेल के स्टाफ और दूसरे कैदियों के बीच काफी लोकप्रिय है.