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केरल की नन मरियम थ्रेसिया को मिली 'संत' की उपाधि, 93 साल पहले हुआ था निधन

केरल की नन मरियम थ्रेसिया और चार अन्य लोगों को आज वेटिकन सिटी में एक भव्य समारोह में पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी.

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केरल की नन मरियम थ्रेसिया (Photo- India Today)
केरल की नन मरियम थ्रेसिया (Photo- India Today)

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  • नन मरियम थ्रेसिया को आज मिली संत की उपाधि
  • चार अन्य सिस्टर्स को भी इस सम्मान से नवाजा गया

भारतीय नन (केरल की नन) मरियम थ्रेसिया और चार अन्य लोगों को आज (रविवार) वेटिकन सिटी में एक भव्य समारोह में पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी. नन मरियम थ्रेसिया को उनके निधन के 93 साल बाद यह उपाधि दी गई. बता दें कि सिस्टर थ्रेसिया का 8 जून, 1926 को 50 साल की उम्र में निधन हो गया था. इस कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

इनसे पहले तीन और नन को सम्मान

वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में नन मरियम थ्रेसिया को संत के सम्मान से नवाजा गया. भारतीय नन मरियम थ्रेसिया के साथ ही चार अन्य सिस्टर्स को भी पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी. नन मरियम थ्रेसिया से पहले केरल के कैथॉलिक चर्च से तीन और नन को संत की उपाधि से नवाजा जा चुका है.

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'मन की बात' में जिक्र

सिस्टर थ्रेसिया ने मई 1914 में त्रिशूर में 'कांग्रीगेशन ऑफ द सिस्टर्स ऑफ द होली फैमिली' की स्थापना की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में सिस्टर मरियम थ्रेसिया का जिक्र किया था. सिस्टर थ्रेसिया का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि 13 अक्टूबर को पोप फ्रांसिस उन्हें संत घोषित करेंगे जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. मालूम हो कि 19वीं सदी में महिलाओं की शिक्षा के लिए काम करने वाली मरियम थ्रेसिया ने कई स्कूलों की स्थापना की थी.

जीवन के आधे समय तक थ्रेसिया रहीं

मरियम थ्रेसिया को उनके जीवन के आधे समय तक थ्रेसिया के नाम से बुलाया जाता रहा. थ्रेसिया नाम उनके घरवालों ने रखा था. बता दें कि उनका जन्म 3 मई, 1876 को हुआ था. गौरतलब है कि केरल में सामाजिक उत्थान के कामों के लिए विख्यात रहीं नन थ्रेसिया मरियम को मदर टेरेसा की तरह माना जाता है.

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