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प्रचंड बने नेपाल में बदलाव के अगुआ

नेपाल की 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्‍त करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 53 वर्षीय कम्‍युनिस्‍ट नेता प्रचंड नेपाल की राजनीति को नई दिशा देने के प्रति आश्‍वस्‍त हैं.

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प्रचंड
प्रचंड

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ऐसा अमूमन नहीं होता कि कोई निर्वाचित प्रधानमंत्री किसी पत्रकार से बातचीत के लिए कार से बीच शहर में आए. लेकिन 53 वर्षीय कम्युनिस्ट प्रचंड, जिनके हावभाव से नहीं लगता कि वे नेपाल के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं, उनमें से नहीं हैं. वे कुख्यात रेड आर्मी और नेपाल पुलिस से लिए गए अपने अंगरक्षकों के साथ कड़ी सुरक्षा वाली महिंद्रा स्कोर्पियो में घूमते हैं. संविधान सभा की महज एक-तिहाई सीटें जीतने के बावजूद वे दुनिया के सबसे नए गणतंत्र की राजनीति को नई दिशा देने के प्रति आश्वस्त हैं. नेपाल की 240 साल पुरानी राजशाही को उलटने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने आजतक चैनल पर प्रसारित होने वाली सीधी बात के लिए इंडिया टुडे के संपादक प्रभु चावला से एक घंटे से अधिक बातचीत की. बातचीत के अंशः

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{mosimage} आप जैसा एक भूमिगत नेता किस तरह नेपाल में बहुदलीय सरकार बनाने में सफल रहा?
यह एक नया राजनैतिक मॉडल है जिसे हम स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने कोई आठ साल पहले एक बहुदलीय व्यवस्था के पक्ष में फैसला किया था. हम बदलते समय के साथ उसे विकसित करने और बदलने की कोशिश कर रहे हैं.

 क्या मैं देश के नए प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से बात कर रहा हूं? क्या आप अभी भी अपने हिंसक तरीकों को जारी रखेंगे?
अब जबकि हमने शांति प्रक्रिया शुरू कर दी है, हिंसा के रास्ते पर चलने का सवाल ही पैदा नहीं होता. जब तक संविधान के प्रावधान तैयार नहीं हो जाते, आप मुझे नया प्रधानमंत्री कह सकते हैं.

 किसके पास अधिक अधिकार होंगे-राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के पास?
राष्ट्रपति सिर्फ नाममात्र के प्रमुख होंगे. कार्यपालिका के अधिकार प्रधानमंत्री के हाथ में होंगे.

 आप गिरिजा प्रसाद कोइराला को राष्ट्रपति क्यों नहीं नियुक्त करते?
राष्ट्रपति के रूप में उन्हें नियुक्त करने से संबंधित राजनैतिक और नैतिक मुद्दे हैं. हम उनकी हैसियत का एक ऐसा नेता चाहते हैं जो 25 पार्टियों के प्रतिनिधित्व वाली असेंबली में व्यवस्था बनाए रख सके. इस काम में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

 पार्टी को महज एक-तिहाई सीटें मिली हैं लेकिन लोगों का कहना है कि आपका अड़ियल रवैया अभी भी बना हुआ है.

हमारा रवैया स्पष्ट है. हम संविधान के निर्माण के लिए सभी पार्टियों के साथ मिलकर चलना चाहते हैं. लेकिन सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण हमारा प्रभुत्व निश्चित रूप से रहेगा.

 नेपाल में 99 प्रतिशत हिंदू हैं. ऐसे में आप संविधान में धर्मनिरपेक्ष राज्‍य का प्रावधान क्यों शामिल करना चाहते हैं?
नेपाल में हर धर्म, जाति और पंथ के लोग रहते हैं. हालांकि हिंदू बहुसंख्यक हैं, लेकिन यहां बौद्धों और ईसाइयों की भी खासी आबादी है. मेरा मानना है कि राज्‍य को धर्म में दखल नहीं देना चाहिए.

 आप यंग कम्युनिस्ट लीग सरीखे संगठनों को जिंदा क्यों रखना चाहते हैं?
शांति प्रक्रिया शुरू करने के साथ हमने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) काडर को राज्‍य के नियंत्रण में कर दिया. हमारी योजना उनकी समस्याओं को सुलझने के लिए एक कार्यक्रम बनाने की है.
 {mospagebreak}क्या आर्मी में आपकी आस्था खत्म हो गई है?
यह आस्था का मामला नहीं है. आर्मी राजशाही के प्रति वफादार रही है. अब जबकि हम गणतंत्र बन गए हैं, आर्मी में भी परिवर्तन होंगे ही.

 आपकी सरकार अर्थव्यवस्था के किस मॉडल पर चलेगी?
हम किसी भी राष्ट्र के मॉडल पर नहीं चलेंगे. हम मिश्रित अर्थव्यवस्था का अपना दर्शन विकसित करेंगे. न तो हम वैश्वीकरण की मांगों की उपेक्षा कर सकते हैं और न ही आंख मूंदकर उन पर चल सकते हैं.

 ऐसा लगता है कि आप अपने को भारत से दूर रखना चाहते हैं. वरना आप 1950 की भारत-नेपाल मैत्री एवं शांति संधि की समीक्षा क्यों करते?

हम भारत से दूर नहीं रहना चाहते. दरअसल, हम अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं. नेपाल काफी बदल चुका है. बदलावों के साथ चलने के लिए संधि में भी परिवर्तन की जरूरत है.

 आपकी पार्टी के एक नेता ने हाल ही में चीन की यात्रा की. इससे क्या यह माना जाए कि आप चीन के करीब हैं?
यह सही नहीं है. चीन की एक संह्निप्त यात्रा क्या महत्व रखती है? राजनैतिक रूप से हम बराबर की दूरी बनाए रखेंगे. भारत के साथ हमारे भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं. हम उनकी उपेक्षा नहीं कर सकते.

 आप भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल होने देंगे?
कभी नहीं. लेकिन पाकिस्तान के साथ हम अच्छे रिश्‍ते रखेंगे.

 भारत में माओवादी संकट पैदा करते रहे हैं. क्या आप उनका समर्थन करते हैं?
जिस तरह से हम बंदूक छोड़ चुनाव में शामिल हुए हैं, वह बाकी दुनिया के लिए एक मिसाल है.

 क्या आप भारत के माओवादियों से चुनाव में शामिल होने की अपील करेंगे?
मैं ऐसा करने के लिए नहीं कह सकता लेकिन हमने जो हासिल किया है वह न केवल भारत, बल्कि दूसरे देशों के माओवादियों के लिए भी एक सबक है.

 क्या आपकी सरकार 2001 के राजमहल हत्याकांड की जांच के आदेश देगी? क्या आप नरेश को बनाए रखेंगे?
राजशाही अब खत्म हो चुकी है. हम चाहते थे कि नरेश सम्मान के साथ गद्दी छोड़ दें और उन्होंने वैसा ही किया.

 आप भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को इच्छुक हैं. लेकिन भाजपा ने हाल में एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि आपकी सरकार से हमें खतरा है.
हम किसी के लिए खतरा नहीं हैं. हम भारत और भाजपा दोनों से अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं. हम भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह से बात करने की योजना बना रहे हैं. हम चाहते हैं कि भारत और उसके सभी दल शांति प्रक्रिया के हमारे नए मॉडल का समर्थन करें.

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